गाज़ीपुर। जनपद में 19 राजकीय पशु चिकित्सालय ऐसे हैं, जहां पशु डॉक्टर नहीं है। बगैर डॉक्टर के इन राजकीय पशु चिकित्सालय्यों का संचालन किया जा रहा, इससे पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों के पशुपालकों को मवेशियों के उपचार के लिए नीम हकीमो का सहारा लेना पड़ रहा है। जिले में लगभग 9 लाख मवेशी हैं, साथ ही 59 गोआश्रय केंद्र हैं, मवेशियों के उपचार के लिए जनपद में 52 राजकीय पशु चिकित्सालय हैं। लेकिन 33 राजकीय पशु चिकित्सालय में ही डॉक्टरों की तैनाती है। जब मवेशी बीमार पड़ जाते हैं तो डॉक्टर के नहीं होने के कारण पशुपालक राजकीय पशु चिकित्सालय्यों का रुख नहीं करते, बल्कि नीम हकीमो के जरिए उपचार करते हैं। जिसके कारण पशुपालकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। अप्रशिक्षित पशु डॉक्टर से उपचार करने के कारण कभी-कभी मवेशियों की जान पर भी बन आती है। बाराचवर, सदर, करंडा, सैदपुर, देवकली, मनिहारी, सादात, भदौरा, रेवतीपुर और जमानिया ब्लॉक क्षेत्र में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में पशु डॉक्टर के पद खाली चल रहे हैं।