गाजीपुर । प्रशासन ने मामले को यदि गंभीरता से लिया होता तो भांवरकोल थाना क्षेत्र के जसदेवपुर गांव में शिकायतकर्ता पर जानलेवा हमला नहीं होता । प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ भू- माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई सुर्खियों में भले ही बनी रही हो लेकिन गाजीपुर जिले के भूमि माफियाओं के खिलाफ लड़ रहे एक व्यक्ति पर ग्राम प्रधान एवं उसके समर्थकों द्वारा जानलेवा हमला करने का मामला जिला प्रशासन की घोर संवेदनहीनता का परिणाम है। पीड़ित द्वारा शिकायत के बावजूद उल्टे गांव के ही दबंग प्रधान की शिकायत पर शिकायतकर्ता के भी खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। यह ताजा वाकया गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाने के जसदेवपुर गांव में गत 27 जनवरी का है। जिसमें गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा उसकी जमीन सहित ग्राम पंचायत के लिए सुरक्षित छोड़ी गई जमीन पर गांव के दबंग गा़म प़धान एवं उसके समर्थकों द्वारा कब्जा कर मकान, स्कूल आदि का निर्माण कर दिया । पीड़ित ने बताया जाता कि आराजी नंबर 32 सार्वजनिक भूमि पर निजी स्कूल सहित आराजी नंबर 156 तथा 157 पर मकान का निर्माण करा कर कब्जा कर लिया है। बताया जाता है कि जसदेवपुर गांव निवासी अजय ने इस समस्या को लेकर उप जिलाधिकारी सहित जिलाधिकारी को बार-बार शिकायत पत्र देने के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं होने से निराश हुआ। आखिरकार तहसील प्रशासन पैमाईश के बाद चिन्हित अवैध कब्जा क्यों नहीं हटवाया ? जाहिर है मामला तहसील वह जिला स्तर के अधिकारी शासन के लिए से प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ की छवि स्थानीय प्रशासन द्वारा धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि योगी सरकार के सत्तासीन होने के बाद प्रदेश में भूमि माफिया में के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लगातार चल रही है ऐसे में जिला प्रशासन गांव की सुरक्षित जमीन से अवैध कब्जा हटाने में कोई रुचि क्यों नहीं लिया। जाहिर सी बात है कि प्रशासन पर दबंगों की पकड़ साफ तौर पर भारी पड़ रहा है। आखिरकार प्रशासन द्वारा भूमि अभियान के खिलाफ कोई ठोस पहल क्यों नहीं की। जाहिर है जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से निराश अजय राय ने अदालत का दरवाजा खटखटाया । अजय ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका संख्या 1293/ 2022 दाखिल किया इस मामले में उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका संख्या अजय कुमार बनाम स्टेट अप एवं छाव की को आयोजित किया इसमें उच्च न्यायालय ने दिनांक 21 / 2022 को आदेश निर्गत करते हुए धारा 67 (1) के तहत जिला प्रशासन को कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया इसके बावजूद राजस्व अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। आखिरकार पुनः रिट संख्या 158 76 / 20 23 अजय बनाम स्टेट योजित किया जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 17 में 2023 को अपने आदेश में उक्त आक्रमण को समय अवधि में निर्धारित करते हुए 6 महीने के अंदर अतिक्रमण हटाने का हटाकर पूर्ववत स्थिति कायम करने का निर्देश दिया ।इस आदेश के बाद जिला प्रशासन एवं स्थानीय तहसील प्रशासन में की हिलावली से मामला लंबित रहा आखिरकार इस आदेश की जानकारी होने पर ग्राम प्रधान उसके सहयोगियों ने गत 27 जनवरी को अजय पर जानलेवा हमला कर दिया और दबंगों ने धमकी दी कि हाईकोर्ट का आदेश वापस कर लो नहीं तो तुम्हारी लाश का भी पता नहीं चलेगा। घायलवस्था में पीड़ित स्थान थाने पर ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों के खिलाफ ताहिर जी हालांकि पुलिस ने भरसक इस मामले में सुलह समझौता करने का प्रयास किया लेकिन पीड़ित के जिद पर आखिरकार मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने उल्टे दबंग प्रधान की तहरीर पर भी पीड़ित के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में थानाध्यक्ष राजेश बहादुर ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है। जाहिर सी बात है जब प्रदेश सरकार की योगी सरकार भू- माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हालांकि पीड़ित पर शिकायतकर्ता पर हमले के बाद एसडीएम मुहम्दाबाद एवं पुलिस सीओ मौके पर पहुंचे और मामले पर ग्रामीणों से बात की। बावजूद इसके प्रशासन पुलिस प्रशासन दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों कतरा रही है। अलबत्ता पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए तो मामला दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। बहरहाल इस घटना से प्रदेश सरकार की भूमि भूमाफियाओं के खिलाफ करवाई पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रशासन उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद कार्रवाई से क्यों गुरेज कर रहा है ?