110 किमी/घंटे की गति से गाजीपुर घाट से ताड़ीघाट तक स्पीड ट्रायल का हुआ सफल परीक्षण….

 

वाराणसी ।

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास का क्रम निरन्तर जारी है । इसी क्रम में मऊ- ताड़ीघाट नई लाइन परियोजना के अन्तर्गत गाजीपुर घाट(Including) – ताड़ीघाट (Excluding) (07.86 किमी ) स्टेशनों के मध्य नई बड़ी लाइन का निर्माण का कार्य विद्युतीकरण पूर्ण होने के उपरांत आज 06 मार्च , 2024 को रेल संरक्षा आयुक्त , पूर्वोत्तर सर्किल श्री प्रणजीव सक्सेना ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण श्री एस. सी श्रीवास्तव एवं रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ इस नवनिर्मित बी जी रेल खंड का निरीक्षण किया ।

इस अवसर पर उनके साथ प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (रेल विकास निगम लिमिटेड) श्री कमल नयन  , मुख्य विद्युत डिज़ाइन इंजीनियर श्री सुरेश कुमार , मुख्य सिगनल इंजीनियर श्री आर के सिंह , उप मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय , महाप्रबंधक (विद्युत रेल विकास निगम लिमिटेड) श्री एस पी एस यादव , मुख्य परियोजना प्रबन्धक (रेल विकास निगम लिमिटेड) श्रो विकास चंद्रा, अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (इंफ्रा) श्री रोशन लाल यादव , वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय श्री राकेश रंजन , वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक श्री ए पी सिंह , वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय श्री सत्यम सिंह कुमार सिंह , वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री बलेंद्र पॉल , वरिष्ठ मंडलविद्युत इंजीनियर (कर्षण) श्री आर एन सिंह , वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री यशवीर सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) श्री पंकज केशवानी, अपर महाप्रबंधक (RVNL) श्री आशुतोष शुक्ला सहित मुख्यालय तथा वाराणसी मंडल के सम्बंधित शाखा अधिकारी एवं रेल विकास निगम लिमिटेड वरिष्ठ इंजीनियर भी उपस्थित थे।

रेल संरक्षा आयुक्त श्री प्रणजीव सक्सेना ने अपने निरीक्षण का आरंभ ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन के निरीक्षण से किया । उन्होंने विद्युतीकृत दोहरी रेल लाइन के मानक के अनुरूप संरक्षा अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, स्टेशन पैनल,प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, फाउलिंग मार्क, पैनल इन्टरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम सहित ताड़ीघाट स्टेशन पर गाजीपुर इंड साइड स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट एवं लॉन्ग वेल्डेड रेल आदि का गहन निरीक्षण किया एवम् संरक्षा परखी । 

 

तदुपरान्त ताड़ीघाट से नवनिर्मित लाइन पर मोटर ट्राली द्वारा ताड़ीघाट – गाजीपुर घाट रेल खण्ड पर नवनिर्मित दूसरी लाइन का निरीक्षण करते हुये कर्व सं – 05 के इन्डेन्ट का मापन एवं निरीक्षण किया गया , इसके पश्चात माइनर ब्रिज सं-14 का भी निरीक्षण किया गया  तथा ब्रिज संख्या -17 पर रेल viaduct का भी सेफ्टी निरीक्षण किया ।

इसके बाद संरक्षा आयुक्त ताड़ीघाट से गाज़ीपुर घाट तक, रेल सह सड़क पुल के दोनों किनारों पर सामान्य डेक स्लैब वाले 30.5 मीटर के 9 स्पैन जिसकी कुल लंबाई- 293 मीटर तथा वायाडक्ट हिस्से का संरक्षा निरीक्षण करते हुए गाजीपुर घाट स्टेशन पहुँचे । रेल संरक्षा आयुक्त ने गाजीपुर घाट स्टेशन पर क्रासिंग स्टेशन में बदलने हेतु तीनो दिशाओं के पॉइंट्स,यार्ड प्लान एवं डाईग्राम,इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग,पावर सप्लाई मैनेजमेंट,प्लेटफार्मों पर पर्याप्त क्लियरेंस,स्टेशन पैनल एवं नई परिचालनिक व्यवस्था में प्रयुक्त उपकरणों का संरक्षा निरीक्षण एवं परिक्षण किया । 

उक्त निरीक्षण में रेल संरक्षा आयुक्त ने लाइन फिटिंग्स,सिग्नलों का संस्थापन, बैलास्ट की कुशनिंग,ओवर हेड लाइन की मानक स्थिती एवं पुल पुलियाओं पर संरक्षा के सभी मानदंडों को परखा।

निरीक्षण के अंत में रेल संरक्षा आयुक्त ने अपनी सी आर एस निरीक्षण स्पेशल ट्रेन से 110 किमी/घंटे की गति से गाजीपुर घाट से ताड़ीघाट तक स्पीड ट्रायल सफलतापुर्वक सम्पन्न किया।  

ज्ञातव्य हो की न्यू ताड़ीघाट स्टेशन से गाज़ीपुर घाट स्टेशन तक के ट्रैक को ताड़ीघाट और गाज़ीपुर सिटी के बीच मौजूदा लाइनों से 5.3 मीटर की दूरी पर गाज़ीपुर सिटी की ओर आम पुल तक नया ट्रैक बिछाकर जोड़ा गया है। चूँकि नवनिर्मित रेलवे लाइन मौजूदा ग़ाज़ीपुर घाट (हॉल्ट स्टेशन) पर वाराणसी-छपरा रेल सेक्शन से जुड़ती है, इसलिए इसे एक क्रॉसिंग स्टेशन के रूप में विकसित किया गया। नवम्बर-2016 में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल के निर्माण सहित मऊ से ताड़ीघाट तक नई बीजी लाइन के निर्माण की आधारशिला रखी गयी थी । ग़ाज़ीपुर में गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य 23.12.2016 को शुरू हुआ और 17.06.2023 को सीआरएस एनई सर्किल द्वारा ग़ाज़ीपुर सिटी से ताड़ीघाट तक के खंड का निरीक्षण के पश्चात माल और यात्री यातायात के सार्वजनिक परिवहन के लिए 100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम अनुमेय गति सीमा के साथ इस खंड को खोलने की मंजूरी दे दी गयी थी ।