गाजीपुर ।

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम चन्द्रप्रकाश तिवारी की अदालत ने शनिवार को अपने ही साथी की हत्या के मामले में शस्त्र सेना बल के 3 जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । इसके अलावा अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त से 30-30 हजार अर्थदंड वसूलने का आदेश भी जारी किया है ।

अभियोजन के अनुसार शस्त्र सेना बल के असिस्टेंट कमाण्डेन्ट प्रदीप कुमार गुप्ता द्वारा 30 जनवरी 2017 को थाना नंदगंज में इस आशय की तहरीर दिया कि वह अपने वाहिनी के साथ गोंदिया एक्सप्रेस से दुर्ग छत्तीसगढ़ जा रहे थे। तरंाव स्टेशन से पहले चेनपुलिग के समय उनका साथी धनदेव फोन कान में लगाये हुए अपने कोच से बाहर निकले और ट्रेन से उतर गए। बाद में ट्रेन चली तब वादी ने चेनपुलिग करके के ट्रेन रोकी वह और उसके साथी उतरे और धनदेव की तलाश की तो उसकी मोबाइल पटरी पर पड़ी मिली। शक होने पर अपने उच्चधिकारियों को सूचना दिया और दूसरे दिन सुबह थाने पर सूचना दिया। उसके साथ मौके पर पुलिस गई तो एक महिला ने जानकारी दिया कि खेत में पेड़ से उसकी लाश लटकी है। वादी की सूचना पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। दौरान विवेचना पुलिस ने सेसराम ठाकुर उपनिरीक्षक , निलेन्द्र चक्रवर्ती हेड कान्स्टेबल व भरत भजेल का नाम प्रकाश में आया और पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। दौरान विचारण अभियोजन की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने कुल 12 गवाहों को पेश किया। सभी ने अपना- अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया। शनिवार को दोनो तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त सजा सुनाते हुए तीनो अभियुक्तों को जेल भेजने का आदेश दे दिया ।