असफलता से अनुभव लें और सफलता को प्राप्त करें। 




गाजीपुर, जमानियां। तहसील में एसडीएम पद पर तैनात डॉ हर्षिता तिवारी ने कड़ी मेहनत और लगन से सफलता की मुकाम हासिल किया। वे अपने प्रशासनिक कार्यो की आधी आबादी में बदलाव के लिए प्रयास कर रही है। इन दिनों वे प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। मूल रूप से बलिया जनपद सिमरी गांव निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी डॉ हर्षिता तिवारी के पिता ईश्वर चंद तिवारी सिंचाई विभाग में इंजिनियर पद से  सेवानिवृत्त हो गए है। माता साधना और पिता ईश्वर ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित किया। जिसका परिणाम रहा कि उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण की। उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर 12वीं तक की शिक्षा वाराणसी के सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से हुई। वे अपनी माता के साथ वाराणसी रहती थी। उन्होंने वर्ष 2009 में हाईस्कूल‚ 2011 में इंटर और कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दाखिला किया और वर्ष 2017 में डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने इंटर्नशिप किया। वर्ष 2021 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर प्रथम प्रयास में सफलता हासिल की और यूपी एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट लखनऊ में ट्रेनिंग हुई। जिसके बाद उनका पहली पोस्टिंग गाजीपुर जनपद में हुई और वर्तमान समय में एसडीएम जमानिया के पद पर कार्यरत है। तहसील की बागडोर बखूबी निभा रही है। सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने वर्ष 2023 में वाराणसी के एक डॉक्टर अर्नव ( दिल्ली एआई आईएमएस) के साथ शादी की। डॉ हर्षिता तिवारी का कहना है कि महिलाओं को शिक्षित और स्वावलंबी बनना चाहिए। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है। सपने देखे और उन्हें हासिल करने के लिए प्रयास करें। प्रयास कभी जाया नहीं होती। असफलता से अनुभव लें और सफलता को प्राप्त करें।