गाजीपुर । स्थानीय तहसील में ग्राम न्यायालय का जिला जज संजय कुमार ने वैदिक मंत्रोचार के बीच फीता काटने के तत्पश्चात विधि विधान से माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया. उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्राम न्यायालय की स्थापना से वादकारियों को सस्ता व सुलभ न्याय मिल सकेगा. जिला मुख्यालय पर अनावश्यक भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी. तहसील स्तर पर न्याय सुलभ कराने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है. ग्राम न्यायालय में सिविल के 25 हजार रुपये तक की मालियत के मुकदमों तथा फौजदारी के दो वर्ष तक की सजा वाले मुकदमों की सुनवाई की जाएगी. वादकारियों को अब जिला न्यायालय का चक्कर नहीं लगाना होगा. ग्राम न्यायालय के लिए अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अमित यादव की प्रथम तैनाती की गई है. उक्त मौके पर एसडीएम अभिषेक कुमार, तहसीलदार देवेन्द्र कुमार, नायब तहसीलदार अवनीश कुमार, बार एसोसिएशन अध्यक्ष अधिवक्ता गोरखनाथ सिंह यादव, मंत्री अशोक यादव, नपा चेयरमैन जयप्रकाश गुप्ता, अधिवक्ता मेराज हसन, अंजनी कुमार, बृजेश ओझा, वृजेश कुमार, घनश्याम सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

ग्राम न्यायालय में वादकारियों के वाद का निपटारा करने के लिए न्याय विभाग ने अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अमित यादव की प्रथम तैनाती की है. सन् 2018 बैच के नवनियुक्त न्यायाधिकारी अमित यादव की प्रथम नियुक्ति जनपद आगरा में अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) तथा मई सन् 2023 में जनपद गाजीपुर में हुई. उन्होंने मीडिया को बताया कि ग्राम न्यायालय के माध्यम से आम जनमानस को जल्द ही न्याय सुलभ होगा. इससे वादकारी अपने मामलों की बेहतर तरीके से पैरवी कर सकेंगे और कम खर्च में न्यायिक प्रक्रिया का लाभ पा सकेंगे. ग्राम न्यायालय में 20 हजार रुपये तक की कीमत के सिविल यानी दीवानी के मामले तथा दो साल तक सजा वाले आपराधिक वादों की सुनवाई होगी. ग्राम न्यायालय के फैसलों की सिविल अपील जनपद न्यायालय में एवं फौजदारी अपील सत्र न्यायालय में की जा सकेगी।