वायरल वीडियो देखे🙏🙏🙏
गाजीपुर/ मरदह। मरदह ब्लॉक क्षेत्र के गोविन्दपुर किरत में ग्रामीण मुखर होकर ग्राम प्रधान व सिकरेटरी पर पैसा लेकर आवास देने का आरोप लगाया जिसकी वीडियो वायरल हो रही है। यह मामला गोविन्दपुर किरत का बताया जाता है। ग्रामीणो ने बताया कि जब बीजेपी के कार्यकता पार्टी की योजनाओं को लेकर ग्रामीणों से मिलने पहुचे थे। उसी वक्त गांव की महिलाओं ने बताया कि बगैर पैसा लिए किसी का आवास का पैसा नही मिला। तो वही एक महिला ने रोते हुए बताया कि आजीविका चलाने में आ रही परेशानियों के बाद भी हम से भी पैसा वसूला गया है। ब्लाक क्षेत्र का गोविन्दपुर गांव लगातार आवास प्रदान करना है सुर्खियों में बना हुआ है। इससे पूर्व में भी कई ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है। लेकिन अभी तक जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति करने में लगे हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई कार्यवाही नही हुई है। सरकार की लोकप्रिय योजना मे सभी जरूरतमंद को पीएम आवास का लाभ मिले, लेकिन इसके विपरीत ग्रामीणों को पीएम आवास पाने के लिए घूस के रूप में पैसे देने पड़ रहे है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि मरदह खंड विकास अधिकारी के सह पर सचिवों के माध्यम से ग्रामीणों को परेशान किया जाता है और धन की उगाई की जाती है। मजबूर एवं लाचार ग्रामीणों को बलि का बकरा बनाने में सचिव थोड़ा सा भी कोताही नहीं बरतते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना मिशन 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी जरूरतमंद ग्रामीणों को आवास प्रदान करना है। मिशन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के माध्यम से कार्यान्वयन एजेंसियों को केंद्रीय सहायता प्रदान करता है। लगभग 1.12 करोड़ घरों की वैध मांग के मुकाबले सभी पात्र परिवारों/लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने के लिए। पीएमएवाई (यू) दिशानिर्देशों के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए घर का आकार 30 वर्ग मीटर तक हो सकता है। कारपेट क्षेत्र, हालांकि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास मंत्रालय के परामर्श और अनुमोदन से घरों के आकार को बढ़ाने की छूट है। पहले की योजनाओं के विपरीत ईडब्ल्यूएस और एलआईजी की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में इस सरकार के प्रयासों को जारी रखते हुए, पीएमएवाई (यू) ने इस मिशन के तहत परिवार की महिला मुखिया को घर की मालिक या सह-मालिक होने का अनिवार्य प्रावधान किया है। पीएमएवाई के कार्यक्षेत्र निम्नलिखित चार विकल्पों के माध्यम से उनकी आय, वित्त और भूमि की उपलब्धता के आधार पर अधिक संख्या में लोगों को शामिल करना सुनिश्चित करने के लिए विकल्पों की एक श्रृंखला हैं।