गाजीपुर। सरकारी नौकरी में अपना जीवन खपाने के बाद अब वृद्धावस्था में पहुंच चुके सैकड़ों कर्मचारी और पेंशनर्स को अपनी पेंशन और एरियर के भुगतान हेतु ट्रेजरी आफिस में धक्के खाने पड़ रहे हैं।
सरकार भले ही वरिष्ठ नागरिकों से शिष्टतापूर्वक पेश आने की हिदायत सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को देती है लेकिन कार्यालयों में इसका उल्टा ही देखने को मिलता है। इसकी बानगी ट्रेज़री कार्यालय में देखी जा सकती है जहां अपने एरियर के भुगतान हेतु वृद्ध पेंशनधारकों को सुविधा शुल्क के लिए चक्कर लगवाए जाते हैं।
माध्यमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष शिवकुमार सिंह का आरोप है कि ट्रेज़री कार्यालय दलाली का अड्डा बन गया है, जिसके चलते शिक्षक, सेवानिवृत्त कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। ट्रेजरी में बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता है। चार से छह हजार रुपये घूस देने पर ही काम होते हैं। वेतन, एरियर, पेंशन में हर साल हो रहे इनक्रीमेंट को बढ़वाने के लिए घूस देना मजबूरी बनता जा रहा है। कोषाधिकारी कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार के लिए उन्होंने कोषाधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर सुविधा शुल्क लेने का आरोप लगाया। श्री सिंह ने कहा कि कार्यालय में कोई भी कार्य बिना सुविधा शुल्क लिए नहीं किया जा रहा है। कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार व यहां मौजूद अवांछित तत्वों की वजह से शिक्षक, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों और शिक्षकों को अवशेष भुगतान के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। बिना चढ़ावा दिए उनका काम नहीं हो रहा है, भुगतान के लिए उनसे भी कमीशन की मांग की जा रही है।
उन्होंने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सेवानिवृत्त लोगों की परेशानियों को अविलम्ब दूर कराने की मांग की है।