गाजीपुर के ज़मानियां नगर क़स्बा बाजार स्थित शाही जामा मस्जिद मे जुमा नमाज से पहले कोई भी नमाज कैसे पढ़ी जाए। इसको लेकर मौलाना तनवीर रजा सिद्दीकी ने जुमा नमाज से पहले अपने तकरीर में बताया। इस्लाम धर्म में नमाज को सबसे ऊंचे दर्जे पर रखा गया है। क्यों कि कहीं आप से ऐसी गलती न हो जाएं। और आप की नमाज कही अधूरी रह ना जाए। उक्त जानकारी नगर कस्बा बाजार स्थित शाही जामा मस्जिद के सेकेट्री मौलाना तनवीर रजा सिद्दीकी ने जुमा नमाज से पहले बताया। उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म में पांच वक्त की नमाज पढ़ना अनिवार्य है। इस लिए हमारे मुसलमान भाई हर दिन पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। इसका इस्लाम धर्म में नमाज को काफी ऊंचे दर्जे पर रखा है। और इसका काफी महत्व भी है। लेकिन नमाज पढ़ते समय भी लोगों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिनकी अनदेखी करने पर आप की नमाज अधूरी रह जाती है। नमाज पढ़ते समय छोटी से छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है। क्यों कि इसके बिना आपकी नमाज कबूल नहीं होती हैं।इस्लाम धर्म में अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने के बाद सभी लोगों के लिए नमाज पढ़ना जरूरी हो जाता है। फिर वो चाहे मर्द हो या फिर औरत, गरीब हो या फिर अमीर सभी लोगों का नमाज पढ़ना जरूरी है। नमाज को अरबी भाषा में सलाह कहते हैं। जिसमें अल्लाह की इबादत यानि पूजा की जाती है। और कुरआन भी पढ़ा जाता है। बता दें कि नमाज के अंदर कई तरह की पोजिशन होती हैं। जो मन को शांति देने के साथ-साथ कई तरह के शारीरिक लाभ भी देती हैं। इसलिए नमाज को बहुत ही ध्यान से पढ़ा जाता है। क्यों कि यह इबादत दिल से की जाती है। तकरीर पेश करते हुए। कहा की नमाज पढ़ते समय इधर-उधर नही देखना चाहिए। क्यों की नमाज में ध्यान लगाना बहुत जरूरी होती है। इस लिए की जब हम सलाह अदा करते हैं। तब हमारा मुंह किबला की तरफ होता है। जब लोग मस्जिद में नमाज अदा करते तो इमाम साहब का रुख किबला की तरफ रहता है। इसलिए मुसलमानों को किबला की तरफ रुख करने में परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर आप अकेले नमाज पढ़ रहे हैं तो किबला की दिशा पता लगाना जरूरी है। इसके अलावा नमाज के दौरान इधर-उधर नहीं देखना चाहिए। फोटो
नमाज में भूल से भी न करें ये गलतियां, अधूरी रह जाएगी इबादत
गाजीपुर के ज़मानियां नगर क़स्बा बाजार स्थित शाही जामा मस्जिद मे जुमा नमाज से पहले कोई भी नमाज कैसे पढ़ी जाए। इसको लेकर मौलाना तनवीर रजा सिद्दीकी ने जुमा नमाज से पहले अपने तकरीर में बताया। इस्लाम धर्म में नमाज को सबसे ऊंचे दर्जे पर रखा गया है। क्यों कि कहीं आप से ऐसी गलती न हो जाएं। और आप की नमाज कही अधूरी रह ना जाए। उक्त जानकारी नगर कस्बा बाजार स्थित शाही जामा मस्जिद के सेकेट्री मौलाना तनवीर रजा सिद्दीकी ने जुमा नमाज से पहले बताया। उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म में पांच वक्त की नमाज पढ़ना अनिवार्य है। इस लिए हमारे मुसलमान भाई हर दिन पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। इसका इस्लाम धर्म में नमाज को काफी ऊंचे दर्जे पर रखा है। और इसका काफी महत्व भी है। लेकिन नमाज पढ़ते समय भी लोगों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिनकी अनदेखी करने पर आप की नमाज अधूरी रह जाती है। नमाज पढ़ते समय छोटी से छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है। क्यों कि इसके बिना आपकी नमाज कबूल नहीं होती हैं।इस्लाम धर्म में अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने के बाद सभी लोगों के लिए नमाज पढ़ना जरूरी हो जाता है। फिर वो चाहे मर्द हो या फिर औरत, गरीब हो या फिर अमीर सभी लोगों का नमाज पढ़ना जरूरी है। नमाज को अरबी भाषा में सलाह कहते हैं। जिसमें अल्लाह की इबादत यानि पूजा की जाती है। और कुरआन भी पढ़ा जाता है। बता दें कि नमाज के अंदर कई तरह की पोजिशन होती हैं। जो मन को शांति देने के साथ-साथ कई तरह के शारीरिक लाभ भी देती हैं। इसलिए नमाज को बहुत ही ध्यान से पढ़ा जाता है। क्यों कि यह इबादत दिल से की जाती है। तकरीर पेश करते हुए। कहा की नमाज पढ़ते समय इधर-उधर नही देखना चाहिए। क्यों की नमाज में ध्यान लगाना बहुत जरूरी होती है। इस लिए की जब हम सलाह अदा करते हैं। तब हमारा मुंह किबला की तरफ होता है। जब लोग मस्जिद में नमाज अदा करते तो इमाम साहब का रुख किबला की तरफ रहता है। इसलिए मुसलमानों को किबला की तरफ रुख करने में परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर आप अकेले नमाज पढ़ रहे हैं तो किबला की दिशा पता लगाना जरूरी है। इसके अलावा नमाज के दौरान इधर-उधर नहीं देखना चाहिए। फोटो