गाजीपुर। नगर की सड़कों पर नाबालिग धड़ल्ले से ई-रिक्शा चला रहे हैं। इसे लेकर यातायात पुलिस उदासीन बनी हुई है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि दस में से सात ई-रिक्शा नाबालिग के हाथों में होती है। ऐसे में नाबालिगों की ओर से ई-रिक्शा चलाने के कारण सवारियों की जान पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है।

नाबालिग ई-रिक्शा चलाते वक्त यातायात के नियमों का पालन भी नहीं करते हैं। दूसरी तरफ यातायात विभाग की ओर से कभी-कभार इनके खिलाफ अभियान चलाकर केवल कोरम पूरा किया जाता है। वर्तमान में नगर की सड़कों पर लगभग एक हजार की संख्या में ई-रिक्सा होगा।

जबकि ई-रिक्शा फर्राटा भर रहे हैं। इनमें से अधिकांश ई-रिक्शा को नाबालिग चला रहे हैं। जिन मार्गों पर वाहनों को धीमी गति से चलाना चाहिए, वहां पर भी नाबालिग तेज रफ्तार में ई-रिक्शा को चलाते हैं। ई-रिक्शा के पहिये छोटे होने के कारण इसका संतुलन अक्सर बिगड़ने की आशंका बनी रहती है।

शहर के रौजा स्थित जमानिया मोड़ के आसपास आपको प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में ट्रैक्टर देखने को मिल जाएंगे जबकि उनके लिए कोई कायदा कानून नियम नियमावली  यातायात विभाग की तरफ से नहीं लागू कराया, किया जाता है। आखिरकार जिम्मेदार अधिकारी क्यों उदासीन बने हुए हैं। इसका जवाब कौन देगा।