गाजीपुर। जहां चुनाव आयोग की टीम  पार्टी के बैनर पोस्टर जबरन हटाने की कार्रवाई कर रहा है, वहीं गाजीपुर में खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा हैं। चुनाव संपन्न कराने वाली मशीनरी की लचर कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठने लगे हैं।
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चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों की शायद अब सरकारी मशीनरी को कोई परवाह नही रह गई हैं। अभी भी खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है। लेकिन इसे रोकने में फिलहाल जिला निर्वाचन असफल ही साबित हो रहा हैं। चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगने के 24 घंटे तक मे सरकारी संपत्ति व 48 घंटों तक मे सभी सार्वजनिक स्थानों से पार्टी के प्रचार करने वाले पोस्टर बैनर हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी स्थानीय चुनाव में लगे कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली से खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा हैं। रेलवे स्टेशन रोड के पास खुलेआम जन औषधि पर लगे मोदी के पोस्टर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं तो क्या है? यह मार्ग शहर के सबसे व्यस्त मार्ग मे से एक है। इस मार्ग से जिले के सभी आला अधिकारी गुजरते है। जो चुनाव को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के दावे कर रहे हैं। इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होना चिताजनक है।

अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर चुनाव में लगे सिस्टम का रुख ही ऐसा है तो पारदर्शी तरीके से चुनाव कैसे संपन्न होंगे।