गाजीपुर/ बिरनो। बौद्ध इंटर कॉलेज सरदरपुर बिरनो गाज़ीपुर में भारत के प्रथम सम्राट व अखंड भारत के निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य की जन्म जयंती मनाई गई  बौद्ध इंटर कॉलेज के  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीजेपी के महामंत्री अवधेश राजभर ने दीप प्रज्ज्वलित कर , चंद्रगुप्त मौर्य के चित्र पर पुष्प अर्पित किए जिला महा मंत्री राकेश यादव विशिष्ट अतिथि रहे 

   अवधेश राजभर ने अपने भाषण में कहा की सिकंदर के आक्रमण के समय लगभग समस्त उत्तर भारत धनानन्द द्वारा प्रताड़ित  था। चाणक्य तथा चन्द्रगुप्त ने नन्द वंश को समाप्त करने का निश्चय किया। अपनी उद्देश्यसिद्धि के निमित्त चाणक्य और चन्द्रगुप्त ने एक विशाल अखण्ड भारत की न्यू रखी 

जिला महा मंत्री राकेश यादव ने कहा की चंद्रगुप्त मौर्य जैसा प्रजापालक सम्राट नही हुआ  समाजसेवी राजकुमार मौर्य ने अपने संबोधन  में कहा की  चन्द्रगुप्त का अन्तिम युद्ध सिकंदर के पूर्व सेनापति तथा उनके समकालीन सीरिया के ग्रीक सम्राट सेल्यूकस के साथ हुआ। ग्रीक इतिहासकार जस्टिन के उल्लेखों से प्रमाणित होता है कि सिकंदर की मृत्यु के बाद सेल्यूकस को उसके स्वामी के सुविस्तृत साम्राज्य का पूर्वी भाग उत्तराधिकार में प्राप्त हुआ। सेल्यूकस, सिकंदर की भारतीय विजय पूरी करने के लिये आगे बढ़ा, किन्तु भारत की राजनीतिक स्थिति अब तक परिवर्तित हो चुकी थी। लगभग सारा क्षेत्र एक शक्तिशाली शासक के नेतृत्व में था। सेल्यूकस 305 ई.पू. के लगभग सिन्धु के किनारे आ उपस्थित हुआ। ग्रीक लेखक इस युद्ध का ब्योरेवार वर्णन नहीं करते। किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि चन्द्रगुप्त की शक्ति के सम्मुख सेल्यूकस को झुकना पड़ा। फलतः सेल्यूकस ने चन्द्रगुप्त को विवाह में एक यवनकुमारी (हेलेना) तथा एरिया (हेरात), एराकोसिया (कंदहार), परोपनिसदाइ (काबुल) और जेद्रोसिया (बलूचिस्तान) के प्रान्त देकर संधि क्रय की। इसके बदले चन्द्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी भेंट किए। उपरिलिखित प्रान्तों का चन्द्रगुप्त मौर्य एवं उसके उत्तराधिकारियों के शासनान्तर्गत होना, कन्दहार से प्राप्त अशोक के द्विभाषी लेख से सिद्ध हो गया है। इस प्रकार स्थापित हुए मैत्री सम्बन्ध को स्थायित्व प्रदान करने की दृष्टि से सेल्यूकस ने मेगस्थनीज नाम का एक दूत चन्द्रगुप्त के दरबार में भेजा। यह वृत्तान्त इस बात का प्रमाण है कि चन्द्रगुप्त का प्रायः सम्पूर्ण राज्यकाल युद्धों द्वारा साम्राज्य विस्तार करने में बीता होगा


वह विद्यालय परिसर के निर्माता जनार्दन सिंह कुशवाहा ग्राम प्रधान नागेंद्र सिंह कुशवाहा और सुधीर कुशवाहा राम जी कनौजिया राकेश यादव रामलाल यादव मनोज रावत शेषनाथ सिंह बलवंत यादव रजवंती कुशवाहा अमित यादव गगन सिंह नीतू कुशवाहा पंकज शर्मा अर्चना यादव मानसी सिंह पिंकू शर्मा मीरा देवी राजेश यादव सुरेंद्र कुमार प्रबंधक सुनील कुशवाहा जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन राजकुमार मौर्य ने किया