जनता को जागरूक करने और इस मुद्दे को राष्ट्रीय जन संघर्ष बनाने की जरूरत: सिंहासन सिंह यादव
गाजीपुर। लोक सभा चुनाव मे पर्चा खारिज होना, रद्द होना आम बात हो गई है। लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में प्रत्याशी सिंहासन सिंह यादव के साथ भी ऐसी ही घटना, घटित हुई है। तो उन्होने कहा कि कौन बतायेगा कि बीजेपी के कितने पर्चे रद्द या खारिज हुए है? इस समय लोकसभा 2024 का चुनाव चल रहा है। इस चुनाव में सत्ता और प्रशासन हर प्रकार से बेईमानीपूर्ण व पक्षपातपूर्ण तौर तरीकों से सत्तासीन भाजपा को जिताने पर तुला हुआ है। भाजपा प्रत्याशियों को छोड़कर अन्य प्रत्याशियों के नामांकन पत्र भारी संख्या में खारिज किये जा रहे हैं। कारण भी नहीं बताया जा रहा है और ना ही अपनी बात रखने का और नामांकन पत्र में सुधार करने का कोई अवसर दिया जा रहा, जो कि अलोकतांत्रिक, तानाशाही और मनमानेपन को दर्शाता है। नामांकन शुल्क ₹25000 कर दिया गया है, जिससे कि गरीब आदमी चुनाव न लङ सके। वोटरों को जाति और धर्म के नाम पर तथा धनबल के आधार पर खरीदा जा रहा है। यहां तक कि अल्पमत में होने के बावजूद भी जीते हुए प्रत्याशियों को प्रलोभन और पैसे से खरीद कर बहुमत का जुगाड़ कर लिया जाएगा/ जा रहा है। ईवीएम का भी इस्तेमाल करके चुनाव जीतने का अनुचित कार्य जारी है। ऐसी स्थिति में जनता को जागरूक करने और इस मुद्दे को राष्ट्रीय जन संघर्ष बनाने की जरूरत है।