अर्न्तराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस व मातृ दिवस धूमधाम व उत्साहपूर्वक मनाया गया।
गाजीपुर के जमानियां क्षेत्र के ग्राम बरुइन स्थित अग्रणी शिक्षण संस्थान यदुपति नर्सिंग कालेज एवं हास्पिटल में रविवार को अर्न्तराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस व मातृ दिवस धूमधाम व उत्साहपूर्वक मनाया गया। अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा माँ सरस्वती के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित व माल्यार्पण करने के बाद मदर टेरेसा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चयात नर्सिंग के छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया तथा स्वागत गीत के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि व आमंत्रित अतिथियों को विद्यालय प्रबंधन ने बुके देकर सम्मानित किया। इसके पश्चयात अंग्रेजी समाज सुधारक, सांख्यिकीविद् और आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस पर केक काट कर कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत किया गया। नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने लैंप लाइटिंग कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नर्सिंग पेशे के प्रति सजग रहने का शपथ लिया। छात्र व छात्रा रुपा, निर्मला, नीतू, श्वेता यादव, सुमन कुमारी, गुडिया यादव, प्राची सिंह, अजय कुमार, निखिल कुमार, विजेन्द्र सिंह ने गीत, नृत्य, नाटक, ड्रामा व प्राथमिक चिकित्सा से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के अभिनय प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भावविभोर करते हुए नर्सिंग के प्रति कर्मशील व कर्तव्य निष्ठ बनने का प्रेरणा दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ कुन्दन पाण्डेय ने कहा कि किसी बीमारी से उबरने में जितना बड़ा योगदान दवाओं और इलाज का होता है, उतना ही सही देखभाल का भी होता है। इसमें डॉक्टर्स से कहीं बड़ी जिम्मेदारी नर्सेज निभाती हैं, जो 24 घंटे मरीज की देखरेख में लगी रहती हैं। इन्हें सम्मान देने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 12 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। अंग्रेजी समाज सुधारक , सांख्यिकीविद् और आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को आज याद किया जाता है। क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों के प्रबंधक और प्रशिक्षक के रूप में काम करते हुए नाइटिंगेल प्रमुखता में आईं और उन्होंने कॉन्स्टेंटिनोपल में घायल सैनिकों की देखभाल करते हुए स्वच्छता और जीवन स्तर में सुधार करके मृत्यु दर को काफी कम कर दिया। प्रबन्धक उपेन्द्र सिंह शिवजी ने कहा कि नर्सिंग का पेशा सेवा से जुड़ा है। स्टाफ को अपने विषय ज्ञान के साथ साथ सेवा भाव को भी परिलक्षित करना होता है तभी वह अपने नर्सिंग पेशे के साथ शत प्रतिशत न्याय कर सकता है। उन्होंने मातृ दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि मां का जीवन में विशेष स्थान होता है। बच्चों को अपने मां व पिता का विशेष ध्यान देना चाहिए। आज संस्कार की कमी के कारण वृद्धा आश्रमों की संख्या बढ़ती जा रही है जो हमारे समाज के लिए एक बदनुमा दाग है। इसमें सुधार करने की आवश्यक्ता है। उक्त मौके पर डॉ ईश्वरचन्द्र, कपिलमुनी पटेल, राजेश मिश्रा, संजीव कुमार पाल, प्रिया राय, अनामिका यादव, अंजलि आदि लोग मौजूद रहे। संचालन एकता सिंह व कलश यादव ने संयुक्त रुप से की।