गाजीपुर। इंडिया गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अफजाल अंसारी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि आज कुशवाहा समाज की उतारी जा रही है आरती अगर चुनाव नहीं होता तो यह दिन देखने को नहीं मिलता इसके पूर्व में भी ऐसा कभी नहीं देखा गया माननीय राज्यपाल जी को जम्मू कश्मीर की चिंता करनी चाहिए थी सेना के जवान पर आतंकी हमला हुआ और एलजी साहब प्रचार में व्यस्त रहे यह दुर्भाग्यपूर्ण है गाजीपुर बुद्ध पैलेस में इंडिया गठबंधन के सहयोगी जन अधिकार पार्टी के सभी पदाधिकारी के साथ कुशवाहा समाज की बहुत बड़ी संख्या मौजूद रही कुशवाहा समाज की एकता को देखते हुए अफजाल अंसारी अपने आप को रोक नहीं पाए और उन्होंने कहा कि आगे अंसारी बंधु कुशवाहा समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की भरपूर कोशिश करेगा कुशवाहा मौर्य समाज यह एक ऐसा समाज है जिसने कभी भी घुटने नहीं तेके अपने मेहनत के बदौलत जीना सीखा है आज तक मैं  इतने समय के कार्यकाल में कभी भी ऐसा नहीं देखा । पूर्व विधायक कोऑपरेटिव यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर कुशवाहा ने कहा कि कुशवाहा समाज बीजेपी में वोट देकर अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है अब यह गलती समाज नहीं दोहराएगा और घमंड में चूर सरकार को उखाड़ फेंकेगा कुशवाहा समाज के दम पर ही भाजपा सत्ता में आई थी लेकिन उसके बावजूद कुशवाहा समाज की अपेक्षा की गई।


वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के द्वारा बुलाई गई कुशवाहा समाज की बैठक में अमरपाल मौर्य ने कहा कि 

हम चंद्रगुप्त  मौर्य के वंशज है ।हमे अपनी शक्ति को पहचाने की जरूरत ,

।हमे अपने आप को संजोने की जरूरत है । लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अमरपाल मौर्य ने कहा कि कुशवाहा को सम्मान बीजेपी ने दिया है

 विशिष्ट अतिथि आर पी मौर्य रामनरेश कुशवाहा पूर्व विधान सभा प्रत्यासी अनुज अकेला गुलाब सिंह कुशवाहा काशी क्षेत्र की उपाध्यक्ष पूनम मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।

 

कुशवाहा समाज बीजेपी से बना रहा दूरी

  इसका मुख्य कारण गाजीपुर के वीर सपूत शहीद मनोज कुशवाहा को लेकर समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है समाज के गलियारे में चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी के कार्यकाल में हमारे समाज के शहीद हुए वीर सपूत को जातिवाद का शिकार होना पड़ा है आज तक शहीद मनोज कुशवाहा के घर को जाने वाली सड़क नहीं बनी और ना ही पार्क बनाया गया जब शहीद मनोज कुशवाहा की प्रथम शहादत दिवस थी तो बहुत बड़े-बड़े वादे किए गए थे लेकिन अभी तक पूरा नहीं होने की वजह से समाज बीजेपी से दूरी  बनाता जा रहा है यही कारण है कि पूरे जिले में हो रहे कार्यक्रमों में अंदर खाने से कुशवाहा समाज अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है कुछ सामाजिक बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि अगर मनोज कुशवाहा भी सामान्य वर्ग से आते तो यह अपेक्षा नहीं की गई होती एक ही साथ गाजीपुर के दो लाल शहीद हुए थे एक शशांक सिंह वह दूसरे मनोज कुशवाहा थे शशांक सिंह के लिए पार्क और मूर्ति लगा दी गई लेकिन अभी तक मनोज कुशवाहा को इसका लाभ नहीं मिला जिससे समाज के लोग काफी आहत है जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।