गाजीपुर। में सुर्खियों में रहने वाले राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। बीते सात माह में एंटी करप्शन टीम ने पांच रिश्वतखोरों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया। इसमें तीन लेखपाल शामिल हैं। वहीं एक दरोगा और स्वास्थ्य विभाग के एक लिपिक पर भी घूस लेने पर कार्रवाई हो चुकी है। कोई पांच हजार रुपये तो कोई 40 हजार की लालच में जेल में है। बावजूद काम के लिए सुविधा शुल्क लेने की प्रवृत्ति रुक नहीं रही है। राजस्व संबंधित मामलों जैसे पैमाइश, अधिगृहीत भूमि के मुआवजे सहित अन्य मामलों में लेखपालों द्वारा पीड़ितों से रिश्वत लेने के कई मामले सामने आए हैं। काम न होने और कहीं सुनवाई न होने की स्थिति में पीड़ित एंटी करप्शन टीम का सहारा लेने को विवश है। पीड़ितों ने बताया कि भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी का खेल इस कदर है कि हर बात व कदम पर पैसा देना पड़ता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की स्थिति में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन मिलता है, जबकि एंटी करप्शन टीम तो कम से कम ऐसे रिश्वतखोरों को तत्काल मौके से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजती है। एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई 26 जूनः मुहम्मदाबाद तहसील से राजस्व लेखपाल सुरेंद्र सिंह यादव को पांच हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। 20 जूनः डायग्नोस्टिक सेंटर के रजिस्ट्रेशन के नाम पर 40 हजार रुपये रिश्वत लेते सीएमओ के स्टोनो अनिल चौबे को गोराबाजार से गिरफ्तार किया। 2 अप्रैलः सादात थाने के दरोगा आफताब आलम को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते थाने से गिरफ्तार किया। 11 जनवरीः सैदपुर के लेखपाल हरिगोविंद सिंह कुशवाहा को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। 28 दिसंबरः कासिमाबाद तहसील परिसर से लेखपाल सुरेंद्र राम को गिरफ्तार किया।