लोकसभा में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को छोड़कर यूपी के सभी सांसदों ने शपथ ग्रहण कर ली। अफजाल को उन्हीं की एक याचिका के कारण सुप्रीम कोर्ट से मिला आदेश शपथ में आड़े आ गया है। इसे लेकर लोकसभा सचिवालय से भी कारण स्पष्ट किया है। जिस वजह से अफजाल को शपथ नहीं दिलाई गई है, माना जा रहा है कि उसी वजह से अब वह बुधवार को होने वाले स्पीकर के चुनाव में भी वोटिंग नहीं कर सकेंगे। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। पिछली बार बसपा के टिकट पर जीते अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के एक मामले में चार साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी। पहले हाईकोर्ट और फिर वहां से राहत नहीं मिलने पर अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। वहां के एक फैसले के बाद उनकी सदस्यता तो वापस मिल गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कुछ पाबंदियां भी लगा दी थी। इसी पाबंदी के कारण वह शपथ नहीं ले सके। उनका मामला अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाईकोर्ट में लंबित है। पिछले दो दिनों से लोकसभा के सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। मंगलवार को यूपी से चुने गए राहुल गांधी, अखिलेश यादव, हेमामिलिनी, डिंपल यादव समेत तमाम सांसदों ने शपथ ली। अफजाल अंसारी भी इस दौरान लोकसभा में पहुंचे। वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बगल भी कुछ देर तक बैठे भी रहे। जब यूपी के आखिरी सांसद रॉबर्ट्सगंज के छोटेलाल खरवार को शपथ दिलाई गई और उनका नंबर नहीं आया तो वह उससे थोड़ी देर पहले सदन से चले गए। लोकसभा सचिवालय ने बताया कारण वहीं अफजाल अंसारी को शपथ नहीं दिलाने को लेकर लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसका कारण भी बताया गया है। इसमें कहा गया है कि लोकसभा सचिवालय ने आज एक आदेश पारित किया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अफजाल अंसारी की अपील के सन्दर्भ में जो 14 दिसम्बर 2023 को आदेश पारित करके गाज़ीपुर स्पेशल न्यायालय द्वारा ट्रायल 980/2012 में अफजाल अंसारी को दी गई दोषसिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया था। तब उसी आदेश में उन्हें सदन की कार्यवाही में भी भाग लेने से रोका गया था। ऐसी स्तिथि में आज सदन में आयोजित निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा है। इसलिए अफजाल अंसारी को इसमें शपथ नहीं दिलाई जा रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को मिली सजा पर रोक तो लगा दी थी, लेकिन अपने फैसले में कहा था कि जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी की अपील पर फैसला नहीं आ जाता तब तक वह न तो संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं और ना ही सदन में किसी मुद्दे पर वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अब वह स्पीकर के चुनाव में भी भाग नहीं ले सकेंगे।
संसद में केवल मूकदर्शक बने रहेंगे अफजाल अंसारी? नहीं दिलाई गई शपथ, स्पीकर चुनाव में वोटिंग भी नहीं कर सकेंगे
लोकसभा में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को छोड़कर यूपी के सभी सांसदों ने शपथ ग्रहण कर ली। अफजाल को उन्हीं की एक याचिका के कारण सुप्रीम कोर्ट से मिला आदेश शपथ में आड़े आ गया है। इसे लेकर लोकसभा सचिवालय से भी कारण स्पष्ट किया है। जिस वजह से अफजाल को शपथ नहीं दिलाई गई है, माना जा रहा है कि उसी वजह से अब वह बुधवार को होने वाले स्पीकर के चुनाव में भी वोटिंग नहीं कर सकेंगे। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। पिछली बार बसपा के टिकट पर जीते अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के एक मामले में चार साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी। पहले हाईकोर्ट और फिर वहां से राहत नहीं मिलने पर अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। वहां के एक फैसले के बाद उनकी सदस्यता तो वापस मिल गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कुछ पाबंदियां भी लगा दी थी। इसी पाबंदी के कारण वह शपथ नहीं ले सके। उनका मामला अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाईकोर्ट में लंबित है। पिछले दो दिनों से लोकसभा के सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। मंगलवार को यूपी से चुने गए राहुल गांधी, अखिलेश यादव, हेमामिलिनी, डिंपल यादव समेत तमाम सांसदों ने शपथ ली। अफजाल अंसारी भी इस दौरान लोकसभा में पहुंचे। वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बगल भी कुछ देर तक बैठे भी रहे। जब यूपी के आखिरी सांसद रॉबर्ट्सगंज के छोटेलाल खरवार को शपथ दिलाई गई और उनका नंबर नहीं आया तो वह उससे थोड़ी देर पहले सदन से चले गए। लोकसभा सचिवालय ने बताया कारण वहीं अफजाल अंसारी को शपथ नहीं दिलाने को लेकर लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसका कारण भी बताया गया है। इसमें कहा गया है कि लोकसभा सचिवालय ने आज एक आदेश पारित किया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अफजाल अंसारी की अपील के सन्दर्भ में जो 14 दिसम्बर 2023 को आदेश पारित करके गाज़ीपुर स्पेशल न्यायालय द्वारा ट्रायल 980/2012 में अफजाल अंसारी को दी गई दोषसिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया था। तब उसी आदेश में उन्हें सदन की कार्यवाही में भी भाग लेने से रोका गया था। ऐसी स्तिथि में आज सदन में आयोजित निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा है। इसलिए अफजाल अंसारी को इसमें शपथ नहीं दिलाई जा रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को मिली सजा पर रोक तो लगा दी थी, लेकिन अपने फैसले में कहा था कि जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी की अपील पर फैसला नहीं आ जाता तब तक वह न तो संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं और ना ही सदन में किसी मुद्दे पर वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अब वह स्पीकर के चुनाव में भी भाग नहीं ले सकेंगे।