गाजीपुर। यातायात विभाग विशेष अभियान मुख्यालय के आदेश पर 11 से 25 जून तक चला रहा। ऐसे में विशेष अभियान के तहत चलाई जा रही चेकिंग में जागरूकता के तहत यातायात स्टाफ द्वारा दुपहिया वाहन चालकों को अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने, तीन सवारी नहीं चलने, चारपहिया वाहन चालकों को सीटबेल्ट पहनने, ओवर स्पीड में वाहन नहीं चलाने, शराब पीकर नशे की हालत में वाहन न चलाने, ओवर लोड माल/ सवारी नहीं भरने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने, गाड़ी के नंबर प्लेट इत्यादि पर नाम/ पद या अन्य शब्द नहीं लिखने की सलाह देते हुए नजर आ जायेगे। लेकिन इसके उलट लोगों का कहना है कि गाज़ीपुर के यातायात विभाग ज्यादातर गाड़ियों के चालान के नाम पर धन उगाही करके बगैर चालान काटे वाहन चालकों को छोड़ दे रही है। जिससे इन वाहन चालकों का हौसला बुलंद हो रहा और यातायात टीम राजस्व की क्षति पहुंचा रही है। ऐसा शहर में एक जगह नहीं बल्कि लंका, प्रकाश नगर, महाराजगंज, पीजी कॉलेज चौराहा, गाजीपुर घाट, रौजा और सुखदेवपुर चौराहा इत्यादि अनेकों स्थान पर लोग इसका जीवंत उदाहरण देखते हैं। वही लंका एवं रौजा स्थित स्टैंड में जब मीडिया ने पड़ताल किया तो पता चला कि मानक विहीन वाहनों पर यातायात विभाग द्वारा मानक का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे लोगों की जिंदगियों के साथ कभी भी कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। अगर बात टोटो यानी ई- रिक्सा की हो, तो पूरे शहर में नाबालिक बच्चे बगैर मानक एवं लाइसेंस के आपको टोटो चलाते हुए दिख जाएंगे इस पर भी यातायात टीम एवम् श्रम विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उदासीन क्यों बने हुए है? इसका जवाब डीएम हुजूर आखिरकार कौन देगा?
यातायात विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उदासीन क्यों?
गाजीपुर। यातायात विभाग विशेष अभियान मुख्यालय के आदेश पर 11 से 25 जून तक चला रहा। ऐसे में विशेष अभियान के तहत चलाई जा रही चेकिंग में जागरूकता के तहत यातायात स्टाफ द्वारा दुपहिया वाहन चालकों को अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने, तीन सवारी नहीं चलने, चारपहिया वाहन चालकों को सीटबेल्ट पहनने, ओवर स्पीड में वाहन नहीं चलाने, शराब पीकर नशे की हालत में वाहन न चलाने, ओवर लोड माल/ सवारी नहीं भरने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने, गाड़ी के नंबर प्लेट इत्यादि पर नाम/ पद या अन्य शब्द नहीं लिखने की सलाह देते हुए नजर आ जायेगे। लेकिन इसके उलट लोगों का कहना है कि गाज़ीपुर के यातायात विभाग ज्यादातर गाड़ियों के चालान के नाम पर धन उगाही करके बगैर चालान काटे वाहन चालकों को छोड़ दे रही है। जिससे इन वाहन चालकों का हौसला बुलंद हो रहा और यातायात टीम राजस्व की क्षति पहुंचा रही है। ऐसा शहर में एक जगह नहीं बल्कि लंका, प्रकाश नगर, महाराजगंज, पीजी कॉलेज चौराहा, गाजीपुर घाट, रौजा और सुखदेवपुर चौराहा इत्यादि अनेकों स्थान पर लोग इसका जीवंत उदाहरण देखते हैं। वही लंका एवं रौजा स्थित स्टैंड में जब मीडिया ने पड़ताल किया तो पता चला कि मानक विहीन वाहनों पर यातायात विभाग द्वारा मानक का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे लोगों की जिंदगियों के साथ कभी भी कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। अगर बात टोटो यानी ई- रिक्सा की हो, तो पूरे शहर में नाबालिक बच्चे बगैर मानक एवं लाइसेंस के आपको टोटो चलाते हुए दिख जाएंगे इस पर भी यातायात टीम एवम् श्रम विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उदासीन क्यों बने हुए है? इसका जवाब डीएम हुजूर आखिरकार कौन देगा?