गाजीपुर। जिले का प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद अन्य सरकारी विद्यालयों से अलग है। यहां की व्यवस्था कॉन्वेंट स्कूलों से भी बेहतर है। विद्यालय में प्रोजेक्टर युक्त स्मार्ट कक्षाएं हैं। यहां छात्रों को बैठने के लिए डेस्क-बेंच, खाना खाने के लिए सीमेंटेड डाइनिंग टेबल, पानी के लिए आरओ, कोल्ड वाटर रूम, बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, सभी में रनिंग वाटर की व्यवस्था, प्रार्थना के लिए म्यूजिक सिस्टम की सुविधा है। पार्क में झूले भी लगे हैं। साथ ही विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे भी लगा है। प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2018 में प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद कार्यभार ग्रहण किया था। उस समय यह विद्यालय भी अन्य प्राथमिक विद्यालयों की तरह सामान्य था। फर्श टूटी थी, चहारदीवारी नहीं थी। बच्चों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता था। बैठने के लिए टाटपट्टी थी। इससे बच्चों की उपस्थिति पर भी प्रभाव पड़ता था। विद्यालय के भौतिक परिवेश को बदलने के लिए ग्राम प्रधान से विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं को ग्राम निधि से उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। लेकिन असफल रहा। हालांकि हार नहीं मानी और अपने स्तर से विद्यालय को बदलने का प्रयास जारी रखा। कुछ समय में ही विद्यालय अपने नए रूप में आ गया। इसका संदेश बच्चों के माध्यम से अभिभावकों में जाने लगा। इसके बाद ग्राम प्रधान सहयोग के लिए आगे आए। अध्यापकों एवं खुद के निजी प्रयास से आज विद्यालय में हर वह सभी सुविधा उपलब्ध हैं, जो किसी कॉन्वेंट विद्यालय में होती है। वह कहते हैं कि प्राथमिक विद्यालय जलालाबाद में नामांकन पर्याप्त होने के बाद भी छात्र उपस्थिति में निरंतरता नहीं थी। इसके लिए अभिभावक एवं शिक्षक सभा को अत्यधिक प्रभावी एवं जागरूक करने का प्रयास किया गया। विद्यालय में बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावकों को पुरस्कृत करने का कार्य शुरू किया गया। अभिभावकों को भी अपने बच्चे के प्रति उनके दायित्व का निर्वहन करने की प्रेरणा दी गई। नतीजा ये आया कि पिछले शिक्षण सत्र में यहां 500 से अधिक विद्यार्थी थे। इस सत्र में अब तक 100 बच्चों का नामांकन हो चुका है। अधिक से अधिक नामांकन के लिए करीब एक हजार पोस्टर लगवाया गया है, जिसमें विद्यालय की सुविधाओं का उल्लेख किया गया है। इसी तरह जमानिया विकास खंड के दरौली गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास संचालित हो रहा है। प्रोजेक्टर, चाहरदीवार, शौचालय आदि की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। एक तस्वीर ये भीः यहां बच्चों को भेजने में सोचते हैं अभिभावक गाजीपुर। जनपद में कई ऐसे विद्यालय भी हैं, जहां अभिभावकों को अपने बच्चों को भेजने में भी डर लगता है। ऐसे विद्यालयों की बात करें तो पहला नाम करंडा विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय इटहरा का आता है, जो दयनीय स्थिति में है। कथा पांच तक की छह कक्षाओं के लिए यहां एक ही हाल बना है। विद्यार्थियों को चटाई बिछाकर जमीन पर ही बैठाकर पढ़ाया जाता है। यहां मात्र 28 बच्चों का नामांकन है। कक्षा और भवन न होने से अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को आस पास के गांवों के स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। यहां दो अध्यापकों की नियुक्ति है। इनके बैठने के लिए कार्यालय भी नहीं है। शौचालय में गंदगी है, यूरिनल की पाइप टूटी है, शौचालय की शीट भी टूटी है। गर्मी में एक छोटे पेड़ के नीचे बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है। यही हाल सादात विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय पचईंपट्टी का आता है। यहां करीब एक वर्ष पहले जर्जर भवन को जमीदोंज कर दिया गया। यहां 77 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन केवल दो कमरे हैं, उसमें कार्यालय भी है। इन्हीं कमरों में कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं का संचालन किया जाता है। ऐसे में छात्र-छात्राएं पेड़ के नीचे बैठकर पढाई करने को मजबूर होते हैं। इसी तरह जमानिया विकास खंड के गढ़वा प्रहलादपुर प्राथमिक विद्यालय की स्थिति खराब है। जहां चाहरदीवारी, शौचालय, किचन आदि तक की व्यवस्था नहीं है।