गाजीपुर। यूपी में लोकसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश संगठन ने हाईकमान को रिपोर्ट दिया है कि भाजपा के अपने क्षेत्र में निष्क्रिय और भीतरघात करने वाले 100 विधायकों के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा। 2027 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कटना लगभग तय है। इस खबर से गाजीपुर जिले के भाजपा में खलबली मच गयी है, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सातों सीट पर हार गयी थी और पुन: 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की सातों विधानसभा में करारी हार हुई है। इससे प्रदेश हाईकमान इस निर्णय पर पहुंची है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के हार का सबक पराजित विधायकों ने नहीं लिया और न ही कोई होमवर्क किया। अपने क्षेत्र में भी सक्रिय नही रहे। गाजीपुर सदर से डा. संगीता बलवंत विधानसभा चुनाव हारने के बाद सक्रिय राजनीति से अपने को दूर रखा लेकिन लोकसभा चुनाव आते-आते जातिगत समीकरण को साधने के लिए भाजपा हाईकमान ने उन्हे राज्यसभा सदस्य बना दिया। जिसको लेकर अन्य पराजित विधायक काफी दुखी हुए। सैदपुर के भाजपा प्रत्याशी सुभाष पासी अपने आप को मुंबई में ही स्थापित कर लिया। जंगीपुर के भाजपा प्रत्याशी रामनरेश कुशवाहा और जमानियां की सुनीता सिंह, जहुराबाद के कालीचरण राजभर, मुहम्मदाबाद की अलका राय और जखनिंया के रामराज बनवासी केवल पार्टी के बड़े कार्यक्रमों तक सिमित रहे। आम जनता में भाजपा के जनाधार को बढ़ाने के लिए कोई काम नही किया जिससे कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को बढ़त मिल सके। टिकट काटने की खबर से इन पूर्व प्रत्याशियों में काफी बेचैनी है। वहीं नये दावेदारों में उमंग है कि उनको भी मौका मिलने का काफी संभावना है। अभी विधानसभा चुनाव में ढाई वर्ष बाकी है। अब देखना है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। पूर्व प्रत्याशियों का टिकट कटेगा या माननीय के आशीर्वाद से यह लोग फिर पास हो जायेंगे।