गाजीपुर । भांवरकोल क्षेत्र के अवथहीं गांव में काली मंन्दिर स्थान पर नौ दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ हेतू आज मंगलवार को कलश यात्रा निकली। इसके साथ ही प़तिदिन सह भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। इस मौके पर यज्ञस्थल से बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु करीब एक किलोमीटर की दूर प्रबल प्रबल ब़म्ह स्थान से गंगा जल लेकर पुनः यज्ञ स्थल तक पहुंचे। कलश यात्रा में बैंडबाजे , घोड़े-हाथी के साथ श्री लक्ष्मी नारायण के जयकारे से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना दिया। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने पुन: यज्ञ स्थल पर पहुंचे, जहां पर यज्ञाधीश आचार्य पंडित दयाशंकर शास्त्री जी महाराज ने विधि विधान से कलश पूजन कराया।इस मौके पर आचार्य दयाशंकर शास्त्री ने कहा कि यज्ञ से समाज का संस्कार होता है। यज्ञ के दौरान हवन से निकले धुंए से प़कृति का श्रृंगार एवं वायुमंडल का वातावरण शुद्ध होता है।यज्ञ के दौरान सभी देवी-देवता सुक्ष्म रूप में आकर जीवों को आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने कहा कि यज्ञ से समाज में ब्याप्त नकारात्मक शक्तियों का शमन होता है, साथ आपसी सौहार्द मजबूत होता है। इस यज्ञ को लेकर अवथहीं गांव सहित आस-पास के इलाके में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। कलश यात्रा के दौरान पीले परिधान में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष श्रद्धालुओं में काफी उत्साह और श्रद्धा से भाग लिया।इस दौरान लक्ष्मी नारायण भगवान के गगनभेदी जयघोष से पूरा इलाका भक्ति रस में डूब गया। यज्ञ के दौरान 12बजे से 3बजे तक भागवत कथा एवं सायं 5बजे से 9बजे तक प़वचन होगा। इस आयोजन में प़मुख रूप से जयकृष्ण राय,अशोक पाण्डेय,खटाई बाबा, दीनदयाल राय,संन्तोष पांन्डेय सहित आसपास के गांवों के काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।