गाजीपुर। किसान आंदोलन के प्रणेता तथा स्वाधीनता आंदोलन के सामाजिक राजनैतिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य के शिखर पुरुष स्वामी सहजानंद सरस्वती की 74 वीं पुण्यतिथि एसएसपीजी कालेज में मनायी गयी। महाविद्यालय परिसर में स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शिक्षकों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण किया गया। एसएसपीजी कालेज के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय राय ने कहा कि उनका निधन 26 जून वर्ष 1950 में बिहार के बिहटा में हुआ था। ज्यादातर समय उनका वहीं किसानों के बीच ही बीता। पिता बेनी राम किसान थे, ऐसे में उन्हें गांव और किसान से बेहद लगाव था। किसान नेता के रूप में उन्हें यूं ही नहीं जाना जाता। इस जीवन को उन्होंने नजदीक से देखा और समझा है। आज भी उनके परिवार के लोग गांव में रहते हैं। उन्होने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। समीर राय ने स्वामी सहजानंद को भारत मे संगठित किसान आंदोलन का जनक बताया। इस दौरान रामधारी राम, डा. विलोक सिंह, डा. सुरेश प्रजापति, शशांक राय, सतेंद्र बहादुर राय, समीर राय, शरद राय, संजय कुमार राय आदि मौजूद रहे। यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।