गाजीपुर। जिले में अधिकांश मवेशियों का उपचार नीम- हकीम कर रहे हैं। पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की कमी से पशुपालकों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है उन्हें मवेशियों का उपचार करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जनपद में 52 राज्य की पशु चिकित्सालय हैं डॉक्टर के कुल 52 पद सृजित हैं लेकिन तैनाती मात्र 33 डॉक्टर की है। 19 राज्य की पशु चिकित्सालय ऐसे हैं जहां 2 वर्षों से डॉक्टरों की तैनाती नहीं है ऐसे में पशुपालकों को मवेशियों के उपचार के लिए नीम हकीम का सहारा लेना पड़ रहा है पशुपालन विभाग के आंकड़े के अनुसार जनपद में लगभग 9 लाख मवेशी हैं। साथ ही 59 गो आश्रय केंद्र हैं। डॉक्टरों की कमी से मवेशियों के उपचार में दिक्कत आडे नहीं आ रही है बल्कि टीकाकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। वही नीम हकीम से उपचार करने के कारण पशुपालकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों के उपचार के कारण कभी-कभी मवेशियों की जान खतरे में पड़ जाती है मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एक ही शाही ने बताया कि जिन पशु चिकित्सालय में डॉक्टर के पद रिक्त हैं उनके लिए शासन को पत्र भेजा गया है।