गाजीपुर। देवकली ब्लाक के शिकारपुर गांव के लोग दैनिक स्तर पर पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव के बाहर लगे एक हैंड पंप से गांव के लोग प्रतिदिन पानी भरकर के लाते हैं। इसी पानी को पीने के लिए उपयोग करते हैं। गांव का वाटर लेवल बुरी तरीके से आर्सेनिक से प्रभावित है। गांव वालों का मानना है कि आर्सेनिक युक्त पानी से अगर पेड़ों की सिंचाई की जाए तो पेड़ भी सूख जाते हैं। ऐसे में आर्सेनिक का पानी पीना तमाम तरह की बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा है। मीडिया ने ग्राम प्रधान रामजी बलवंत से संपर्क किया। बलवंत ने बताया कि जब से उन्होंने हो संभाला है तब से पेय जल की समस्या वह सुनते देखते आ रहे आए हैं। बलवंत ने तो यहां तक दावा किय की आजादी से अब तक उनके गांव में पेयजल की समस्या का स्थाई निदान नहीं हो पाया है। गांव के बाहर एक दो हैंड पंप लगे हैं, जिनका पानी थोड़ा बहुत उपयोग में लाने के लायक है। वहीं से गांव के लोग दैनिक उपयोग के लिए पानी भरकर लाते हैं। पूरे गांव में कहीं भी बोरिंग की जाती है तो आर्सेनिक युक्त पानी ही निकलता है। आर्सेनिक युक्त पानी पीने के लिए बिल्कुल अनुपयुक्त है। जल जीवन मिशन से उम्मीद प्रधान ने यहां तक दावा किया कि आर्सेनिक युक्त पानी को मवेशी भी पीना नहीं चाहते हैं। बलवंत ने बताया कि आर्सेनिक युक्त पानी पूरी तरह से खारा है। यह किसी उपयोग में लाने लायक नहीं होता है। उन्होंने बताया कि बगल के गांव से कुछ दिनों तक जल जीवन मिशन के तहत वाटर सप्लाई ग्रामीणों को मिली, लेकिन वह बोरिंग भी खराब हो गई। बहुत प्रयास के बाद भी वह बोरिंग ठीक नहीं हो पाई। वर्तमान में गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। हालांकि अभी तक ओवरहेड टैंक का निर्माण नहीं हुआ है। प्रधान बलवंत को उम्मीद है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो शायद जल जीवन मिशन के तहत पेयजल उपलब्ध कराने की योजना से उनके ग्रामीणों को लंबे समय से हो रही पानी की समस्या से निजात मिल पाएगा। नई बोरिंग कराने की तैयारी ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर जमालुद्दीन ने कहा कि शिकारपुर गांव में आर्सेनिक युक्त वाटर टेबल होने के कारण पेयजल की समस्या है। जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन के जरिए ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। पिछले दिनों ओवर हेड टैंक बनाने के लिए चिन्हित जगह पर बोरिंग कराई गई, लेकिन आर्सेनिक युक्त पानी होने के कारण बोरिंग पीने का पानी सप्लाई करने के संदर्भ में सफल नहीं रहा। नई जगह को चिन्हित हुई है। जल्दी ही वहां बोरिंग कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर काम किया जा रहा है।