भांवरकोल। स्थानीय क्षेत्र के पातालगंगा सब्जी मंडी के समीप आसपास के गांव के किसानों की खेती योग्य भूमि को यूपीडा द्वारा अधिग्रहण के संबंध में मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार विपिन चौरसिया ने पतालगंगा के आसपास के किसानों से वार्ता किया। उन्होंने मौजूद किसानों को भरसक समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों से वार्ता विफल रही। नायब तहसीलदार ने कि किसानों को सर्किल रेट से चार गुना भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। मौके पर मौजूद किसानों ने अपनी जमीन शासन प्रशासन को रजिस्ट्री से करने से साफ इनकार कर किया। इस मौके पर किसान विकास मंच के नेता एवं प्रगतिशील किसान शेख अब्दुल्ला ने कि पिछले तीन दशक से यहां पर अस्थाई रूप से सब्जी मंडी चलाई जाती है। जिसमें आसपास के किसान अपना उत्पादन लेकर आते हैं एवं बाहर से आए व्यापारी उनका उत्पादन का उचित मूल्य पर खरीददारी कर उनका उत्पाद ले जाते हैं। शेख अब्दुल्ला ने बताया कि ऐसे में यूपिडा द्वारा लगभग 50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की बात की जा रही है। जबकि स्थानीय क्षेत्र के किसानों द्वारा दस हेक्टेयर भूमि मंडी के लिए देने को तैयार हैं। जबकि तहसील प्रशासन द्वारा जबरिया आसपास के गांवों की 50 हेक्टेयर जमीन रजिस्ट्री करने की बात की जा रही है। ऐसे में इस क्षेत्र के आसपास के गांव के लगभग 90 प्रतिशत किसान भूमिहीन हो जाएंगे। शेख अब्दुल्ला का कहना था कि यहां मंडी समिति के लिए पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त द्वारा मंडी समिति को जमीन खरीदने के बाद जरूर की थी। इसके लिए किसान सहमत भी थे, लेकिन यूपिडा द्वारा 50 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदने की बात को किसान यहां मानने को कतई नहीं तैयार है। ऐसे में आसपास के गांव के किसानों की बैठक में पहुंचे नायब तहसीलदार विपिन चौरसिया को किसानों ने अपनी जमीन रजिस्ट्री करने से साफ इन्कार कर दिया। मौके पर मौजूद किसानों ने कहा कि मंडी के लिए हम लोग जमीन देने के लिए तैयार हैं। लेकिन 50 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने से हम छोटे किसानों की पुरी जमीन चली जाएगी। जिसके चलते हम छोटे किसान भूमिहीन हो जाएंगे। ऐसे में किसानों के तेवर देख प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा।
जमीन अधिग्रहण के संबंध में प्रशासन की किसानों से वार्ता विफल
भांवरकोल। स्थानीय क्षेत्र के पातालगंगा सब्जी मंडी के समीप आसपास के गांव के किसानों की खेती योग्य भूमि को यूपीडा द्वारा अधिग्रहण के संबंध में मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार विपिन चौरसिया ने पतालगंगा के आसपास के किसानों से वार्ता किया। उन्होंने मौजूद किसानों को भरसक समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों से वार्ता विफल रही। नायब तहसीलदार ने कि किसानों को सर्किल रेट से चार गुना भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। मौके पर मौजूद किसानों ने अपनी जमीन शासन प्रशासन को रजिस्ट्री से करने से साफ इनकार कर किया। इस मौके पर किसान विकास मंच के नेता एवं प्रगतिशील किसान शेख अब्दुल्ला ने कि पिछले तीन दशक से यहां पर अस्थाई रूप से सब्जी मंडी चलाई जाती है। जिसमें आसपास के किसान अपना उत्पादन लेकर आते हैं एवं बाहर से आए व्यापारी उनका उत्पादन का उचित मूल्य पर खरीददारी कर उनका उत्पाद ले जाते हैं। शेख अब्दुल्ला ने बताया कि ऐसे में यूपिडा द्वारा लगभग 50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की बात की जा रही है। जबकि स्थानीय क्षेत्र के किसानों द्वारा दस हेक्टेयर भूमि मंडी के लिए देने को तैयार हैं। जबकि तहसील प्रशासन द्वारा जबरिया आसपास के गांवों की 50 हेक्टेयर जमीन रजिस्ट्री करने की बात की जा रही है। ऐसे में इस क्षेत्र के आसपास के गांव के लगभग 90 प्रतिशत किसान भूमिहीन हो जाएंगे। शेख अब्दुल्ला का कहना था कि यहां मंडी समिति के लिए पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त द्वारा मंडी समिति को जमीन खरीदने के बाद जरूर की थी। इसके लिए किसान सहमत भी थे, लेकिन यूपिडा द्वारा 50 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदने की बात को किसान यहां मानने को कतई नहीं तैयार है। ऐसे में आसपास के गांव के किसानों की बैठक में पहुंचे नायब तहसीलदार विपिन चौरसिया को किसानों ने अपनी जमीन रजिस्ट्री करने से साफ इन्कार कर दिया। मौके पर मौजूद किसानों ने कहा कि मंडी के लिए हम लोग जमीन देने के लिए तैयार हैं। लेकिन 50 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने से हम छोटे किसानों की पुरी जमीन चली जाएगी। जिसके चलते हम छोटे किसान भूमिहीन हो जाएंगे। ऐसे में किसानों के तेवर देख प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा।