गाजीपुर। वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और प्रभावी कार्रवाई के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा हाल ही में जारी किए गए ‘गजट पत्र’ में डेंगू, मलेरिया, कालाजार एवं अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को ‘नोटिफियेबल डिजीज’ घोषित किया गया है, जिसके अनुसार इन सभी बीमारियों के धनात्मक मरीजों की सम्पूर्ण सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय प्रेषित की जाएगी। साथ ही इन बीमारियों की पुष्टि के लिए सैम्पल (दो एमएल सीरम) महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में स्थित सेन्टीनल सर्विलेन्स लैब को भेजी जाएगी, जो इसके लिए शासन द्वारा नामित किया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने दी। उन्होंने कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया और कालाजार के सम्भावित मरीजों का सैम्पल पुष्टि के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा जाना है। मलेरिया पॉजिटिव मरीज की ब्लड स्लाइड भी पुष्टि के लिए भेजी जाएगी। सीएमओ ने समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारियों समेत निजी नर्सिंग होम व पैथालोजी के संचालक को निर्देशित किया कि शासन द्वारा दिये गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन के डेंगू कार्य योजना 2024 के अनुसार डेंगू आदि के लक्षण वाले अथवा रैपिड कार्ड में धनात्मक पाए गए मरीजों को डेंगू का सम्भावित मरीज मानकर उपचार किया जाएगा। जबकि सेन्टीनल सर्विलेन्स लैब द्वारा पुष्ट किए गए नमूनों को ही डेंगू का धनात्मक मरीज माना जाएगा। जांच व उपचारित मरीजों का शत – प्रतिशत डाटा यूडीएसपी पोर्टल पर समय से फीड किया जाए।