राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उप्र जनपद गाजीपुर ने शिक्षकों के आनलाईन उपस्थिति के विरोध में मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन।
सैकड़ों शिक्षक रहे उपस्थित।
शिक्षक संगठन हुये एकजुट।
आनलाईन उपस्थिति वापस लो के नारों से गूंजा कलेक्ट्रेट।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वाहन पर संगठन की जनपदीय इकाई ने जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह सूर्यवंशी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सम्बोधित ज्ञापन सरयू पांडेय पार्क में सभा आयोजित कर जिलाधिकारी द्वारा नामित नायब तहसीलदार राजस्व विभाग राहुल सिंह को सौंपा। ज्ञापन के दौरान विभिन्न शिक्षक संगठनों प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ,शिक्षा मित्र संघ सहित सैकड़ों शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे दिन विद्यालय में काली पट्टी बांध शिक्षण कार्य करने के उपरांत छुट्टी के पश्चात 3 बजे सायं शिक्षक सरयू पांडेय पार्क में एकत्रित होकर सभा आयोजित किये। ज्ञापन में उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने की मांग की गई है। जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० के आदेश गुण०वि०/ टाइम एंड मोशन/ 2290/ 2024-25 दिनांक 18 जून 2024 द्वारा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में छात्र उपस्थिति पंजिका एवं एम०डी०एम० पंजिका दिनांक 25 जून 2024 से केवल डिजिटल रूप से ही व्यवहृत करने एवं निरीक्षण पंजिका को छोड़कर अन्य समस्त पंजिकाएं दिनांक 15 जुलाई 2024 से डिजटल रूप में अद्यतन किए जाने का आदेश निर्गत किया गया है तथा दिनाँक 05 जुलाई 2024 को जारी संशोधित आदेश पत्रांक: गुण.वि./टाइम एण्ड मोशन/2885/ 2024-25 द्वारा समस्त पंजिकाएं दिनांक 08 जुलाई 2024 से डिजटल रूप में अद्यतन किए जाने का आदेश निर्गत किया गया है। उक्त के सम्बन्ध में संगठन के प्रांतीय नेतृत्व ने अपने ज्ञापन पत्रांक R.S.M.-426/ डिजि.आ. बहि.ज्ञापन./ वर्ष 2023-24 दिनांक 20 नवंबर 2023 के माध्यम से डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही उक्त व्यवस्था को लागू किये जाने की मांग की थी। किन्तु उक्त मांग पत्र पर कोई विचार नहीं किया गया जिसके पाश्चात संगठन द्वारा पत्रांक - R.S.M.-449/ पंजि.डिजि.सम.समा.ज्ञाप./ वर्ष 2023-24 दिनाँक 06 मार्च 2024 के माध्यम से पुनः डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इस व्यवस्था को लागू किये जाने की मांग की थी और दिनांक 12 मार्च 2024 तक ज्ञापन में अंकित समस्याओं का निराकरण न होने पर दिनांक 14 मार्च 2024 को कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र०में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गयी थी। परन्तु निर्धारित तिथि तक समस्याओं का निराकरण न होने के कारण संगठन द्वारा दिनांक 14 मार्च 2024 को कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया था। धरने के दौरान शाम को महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया था। वार्ता में प्रतिनिधिमंडल को ये आश्वासन दिया गया था कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा किन्तु उक्त मांग पत्र में अंकित प्रथम माँग “1- विभाग द्वारा प्रदत्त टैबलेट्स के सुचारू संचालन हेतु विभागीय सिम कार्ड (सीयूजी नम्बर) एवं डाटा पैक की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।“ के अतरिक्त अन्य माँगों पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया, अपितु विभागीय अधिकारियों द्वारा डिजिटाइजेशन व्यवस्था को जबरन लागू करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे यह परिलक्षित होता है कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करना चाहते हैं जिसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश घोर विरोध करता है। संगठन अपने विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० के आदेश गुण०वि०/ टाइम एंड मोशन/ 2290/ 2024-25 दिनांक 18 जून 2024, संशोधित आदेश पत्रांक- गुण.वि./टाइम एण्ड मोशन/2885/ 2024-25 दिनांक 05 जुलाई 2024 (आदेश गुण०वि०/टाइम एडं मोशन/10242/2023-24 दिनांक 10 नवम्बर 2023) को 08 जुलाई 2024 से पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति (फेस रिकग्निशन) लागू किए जाने से पूर्व उक्त डिजिटाइजेशन व्यवस्था से जुड़ी अधोलिखित समस्याओं का समाधान किये जाने की मांग करता है:-
1- अन्य विभागों की भांति आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को भी 'हाफ डे लीव अवकाश' का विकल्प प्रदान किया जाये। जिससे आकस्मिता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें।
2- बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईo एलo प्रदान किया जाये यदि ईo एलo प्रदान करने में कोई विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (P.L.) प्रदान किया जाये।
3- अन्य विभागों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय 'प्रतिकर अवकाश' का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदान किया जाये।
4- प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता तथा जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता प्रदान करने विकल्प प्रदान किया जाये।
5- पंजिकाओ का डिजिटाइजेशन सर्वर की उपलब्धता के अधीन है, एक ही समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।
6- डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्णं,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। अतः बेसिक शिक्षा में वर्तमान उपस्थिति की व्यवस्था ही लागू रहने दिया जाए। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गाजीपुर के जिलाध्यक्ष डॉ.राजेश सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि यदि उपरोक्त मांगे नही मानी गई तो ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार जारी रहेगा। अन्य शिक्षक नेताओं द्वारा सरकार के आनलाईन उपस्थिति को काले कानून की संज्ञा दी और जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।आज के कार्यक्रम में विशिष्ट बीटीसी के जिलाध्यक्ष अनंत सिंह, दुर्गेश सिंह, प्रमोद उपाध्याय, विजय यादव, हरिद्वार सिंह,जूनियर हाईस्कूल के मंत्री अजय कुमार मंडल उपाध्यक्ष बिपिन सिंह, यूपीपीएसएस के जे पी पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश यादव जी, आरएसएम के आयुष सिंह, संतोष सिंह, मसूद, साक्षी गोपाल, अमरेंद्र सिंह, अवधेश सिंह, बिपिन सिंह, प्रदीप कुमार, आर एन यादव, धनंजय सिंह, चंद्रकांत, हिमांशु अग्रवाल, धर्मराज सिंह, दुर्गा प्रसाद, शिक्षा मित्र संघ के राम प्रकाश यादव, रमा त्रिपाठी, सहित सैकड़ों शिक्षक व समस्त शिक्षक संघों के जिला व ब्लॉक पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।