गाजीपुर के जमानियां स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, छात्रवास, इंग्लिश मीडियम कम्पोजित स्कूल, कम्पोजित विद्यालय हेतिमपुर प्रांगण में पानी निकास की जटिल बनी हुई है। पूरा परिसर जल भराव के चलते बच्चों के पठन पाठन बाधित हो रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि जल जमाव एक गंभीर समस्या खड़ी है। बच्चों को विद्यालय आने व जाने को लेकर काफी परेशान है। उन्होंने बताया कि प्रांगण में पानी रहने के कारण छात्र छात्राओं के लिए खतरा बना हुआ है। मजबूर में विद्यालय को बंद करना पड़ सकता है। बता दें कि स्कूल परिसर में जलभराव इतना कि डूब जाती बच्चों की पढ़ाई। पटेल ने बताया की आरईएस विभाग के द्वारा पानी निकास के लिए नाली का निर्माण कराया जाना था। लेकिन विभाग के लापरवाही व उदासीनता के कारण बरसात की पानी निकास के लिए नाली का निर्माण नही कराया गया। जिसके चलते बीआरसी प्रांगण में कस्तूरबा हॉस्टल, इंग्लिश मीडियम स्कूल, कम्पोजित विद्यालय के सामने परिसर में जल भराव होने के कारण बच्चों सहित शिक्षिकाओं के आने जाने में काफी दिक्कत होने लगी है। जब की पानी निकासी हेतु नाली का निर्माण कराना अति आवश्यक महसूस हो रही है। लेकिन आरईएस विभाग सफेद हाथी साबित हो रहा है। एक तो कार्य अपूर्ण है। और दूसरी तरफ बिना किसी मानक के अनुसार नाली का निर्माण नही कराया जाना मुसीबत बन गया है। हॉस्टल का पानी निकलना तो दूर प्रांगण में लगा बारिश का पानी तक उस नाली से नहीं निकल रहा है। बताया जाता है। की स्थानीय बीआरसी प्रांगण में पानी निकास की व्यवस्था होने के बाद भी जल भराव से महिला शिक्षिकाओं के साथ पुरुष शिक्षको सहित पठन पाठन के लिए कम्पोजित विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए जल जमाव से काफी परेशान है। पानी जल जमाव से ऐसा लग रहा था। की कोई छोटी तालाब तो नही है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया गया है। सरकारें इन स्कूलों में कान्वेंट जैसी पढ़ाई देने का दावा कर रहीं हैं। कई स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की योजनाएं भी फाइलों में हैं। यूनीफार्म, पुस्तकें, बैग, मिड डे मील आदि पर करोड़ों का बजट प्रतिवर्ष खर्च हो रहा है, इसके बाद भी यह विद्यालय मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायतों के भरोसे हैं। शिक्षा विभाग के पास स्कूलों को सुविधा संपन्न बनाने के लिए बजट नहीं है। बरसात में क्षेत्र के कई स्कूूूलों में जलभराव इस कदर हो जाता है कि कई दिनों के लिए बच्चों की पढ़ाई बंद करनी पड़ सकती है। बच्चों को गंदे पानी से होकर निकलना पड़ता है कम्पोजित विद्यालय के प्रांगण में बरसात के गंदे पानी से होकर निकलते दिखे। परिसर में कीचड़ और पशुएं भी दिखाई दिये। प्रधानाध्यापक रेणु देवी ने बताया कि उनके यहां शिक्षिकाओं का स्टाफ है। लेकिन बरसात होने पर विद्यालय परिसर में पानी भर जाता है। इससे बच्चों और शिक्षिकाओं का स्कूल से घर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में स्कूल बंद भी करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि हो रही समस्या से ग्राम प्रधान को अवगत कराया जाता है। उन्होंने समस्याओं को देखते हुए जल निकासी की व्यवस्था के लिए कार्यवाही किया जाने को बताया ताकि विद्यालय परिसर में जल भराव की समस्या से छुटकारा मिल सके। बताया जाता है। की जहां गंदे पानी, दुर्गंध के बीच प्रेशर हैंडपंप लगा है। जिस पर बच्चे और शिक्षक पानी पीने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। इस लिए उन्हें स्कूल से बाहर लगे नलों का सहारा लेना पड़ रहा है। पानी निकासी का कोई इंतजाम जल्द से जल्द होनी चाहिए। परिषदीय स्कूूलों में पानी निकास की व्यवस्था न होने से जल भराव हो जाता है। बरसाती का पानी भरने से बच्चों, शिक्षकों को स्कूल आने जाने में परेशानी उठानी पड़ती है।