गाजीपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी आवास योजनाएं गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और अन्य सरकारी योजनाएं ग्रामीण गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। हालांकि, ये योजनाएं भ्रष्टाचार की चपेट में आकर अपनी मूल लक्ष्यों से भटक जाती हैं। गांवों में सरकारी आवास योजनाओं के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार की समस्या बेहद गंभीर है। इसमें सबसे प्रमुख समस्या धन के दुरुपयोग की है। योजना के तहत निर्धारित मानकों और नियमों का पालन न करके कई बार अधिकारियों द्वारा अनियमितताएं की जाती हैं। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में कमी और निर्माण कार्य में लापरवाही जैसे मुद्दे आम हैं। अधिकारियों द्वारा मिलीभगत के कारण अधिकतर योजनाओं में अनियमितता और अव्यवस्थाएं देखने को मिलती हैं। वीडियो देखे🙏🙏🙏
गाजीपुर जनपद के बिरनो ब्लॉक के बिरनो ग्राम सभा में बने हुए आवास के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि 4000 से लेकर के ₹6000 तक लिए गए हैं जिसमें प्रधान का नाम बताया जाता है। जबकि कई आवास अपूर्ण तरीके से छोड़ दिया गया है। पता नहीं कब इनका कार्य पूरा होगा। वीडियो देखे🙏🙏🙏
जब इस प्रकार की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती हैं, तो संबंधित अधिकारियों की मौन स्थिति और अनदेखी एक गंभीर समस्या बन जाती है। अधिकारियों का अनसुना करना या समस्या का समाधान करने में लापरवाही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। गांव में रहने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के लोग सरकारी आवास योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। वीडियो देखे🙏🙏🙏
उन्हें न केवल गुणवत्ता से रहित आवास मिलते हैं, बल्कि कई बार उन्हें निर्धारित समय पर आवास का लाभ भी नहीं मिल पाता। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं की जानकारी की कमी और अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण गांव के लोग अपने अधिकारों के प्रति अज्ञानी रहते हैं और उनका शोषण होता है।