गाजीपुर। गाजीपुर में हर साल कावड़ यात्रा के दौरान डीजे की तेज आवाज और ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाती है। कावड़ यात्रा के दौरान डीजे की आवाज से परेशान होने के बावजूद, प्रशासन की ओर से कभी-कभी अपेक्षित कार्रवाई की कमी देखी जाती है।
डीजे की तेज आवाज न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि पूरे इलाके के शांति और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसके बावजूद, उच्च प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण स्थिति जस की तस बनी रहती है। प्रशासन का मौन रहना और सख्त नियमों का पालन न होना इस समस्या को और भी जटिल बना देता है।
समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
डीजे की आवाज को नियंत्रित करने के लिए ठोस नियम और दिशानिर्देश लागू किए जाएं, जो निर्धारित सीमा के भीतर ध्वनि स्तर को बनाए रखें।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा कावड़ यात्रा के दौरान नियमित निगरानी की जाए और ध्वनि सीमा का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
लोगो को ध्वनि प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि वे स्वयं भी नियमों का पालन करें।
स्थानीय समुदाय और धार्मिक आयोजकों के साथ संवाद स्थापित किया जाए ताकि वे कावड़ यात्रा के दौरान ध्वनि प्रदूषण के प्रभावों को समझें और सहयोग करें।
इस समस्या को हल करने के लिए प्रशासनिक पहल और सामुदायिक सहयोग दोनों की आवश्यकता है, ताकि त्योहारों का आनंद लेने के साथ-साथ सभी की भलाई और शांति सुनिश्चित की जा सके।