गाजीपुर/ बिरनो। हाल ही में, बिरनो ब्लाक के बिरनो ग्राम सभा के गौशाला में तीन पशुओं की मृत्यु और खुले गड्डे में सड़ता मृत शरीर ने एक गंभीर मुद्दे को जन्म दे दिया है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगो के लिए चिंता का विषय बनी है, बल्कि यह यह सवाल भी उठाती है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार कौन है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है। जिसकी सूचना संबंधित बीडीओ एवम् सीवीओ को तत्काल समाजसेवी संस्थाओं ने दिया। और समुचित कदम उठाने का आग्रह भी किया। जिससे योगी सरकार की लोकप्रिय योजना गौशाला में गाय संरक्षण को सम्मान जनक प्रगति मिल सके।


गौशाला, जहां गायों की देखभाल की जाती है, ग्रामीण जन जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है। यह न केवल गायों के संरक्षण का कार्य करती है, यहाँ पर गायों को अच्छे आहार, चिकित्सा और संरक्षण कैसा मिलता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति बेहतर कैसे रहता होगा है। इस पर भी ध्यान देना होगा। दिया जाता है।
(वीडियो और भी है जिसे हम अपरिहार्य कारणों से नही दिखा सकते...)

मृत गायों की स्थिति काफी खराब थी, और गायो की मृत्यु अचानक कैसे हुई। इस घटना ने गांववासियों को चिंता में डाल दिया है। अगर समय रहते जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं करते हैं तो गांव को बीमारी/ संक्रमण का शिकार बनाने से कोई भी नहीं रोक पाएगा।

गायों की मृत्यु का एक सामान्य कारण उनकी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसमें बीमारियाँ, संक्रमण, या पोषण की कमी शामिल हो सकती है। यदि गौशाला में नियमित स्वास्थ्य जांच और उपचार की व्यवस्था नहीं है, तो यह समस्या और बढ़ सकती है।

गायों को उचित और पोषणयुक्त आहार की आवश्यकता होती है। यदि उन्हें खराब या अनुपयुक्त आहार दिया जाता है, तो इससे उनकी स्वास्थ्य और स्थिति बिगड़ सकती है। जिसका जिम्मेदार कौन होगा। ये तो जिम्मेदार अधिकारी ही बता पाएंगे।

गौशाला में साफ-सफाई और उचित वातावरण की व्यवस्था भी महत्वपूर्ण होती है। गंदगी, दूषित पानी, या अव्यवस्थित वातावरण भी गायों की मृत्यु का कारण बन सकता है। जिसका ध्यान प्रभारी को देना होगा।

 गौशाला के प्रशासन द्वारा की गई लापरवाहियों जैसे कि नियमित निगरानी की कमी, चिकित्सा सुविधाओं की कमी, और उचित देखभाल की कमी भी इस घटना के पीछे प्रमुख कारण हो सकती है।

गौशाला के प्रबंधन का कर्तव्य है कि वह पशुओं की नियमित निगरानी करें, उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान दें, और किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करें। यदि प्रबंधन में किसी तरह की लापरवाही या अनियमितता है, तो वह जिम्मेदार हो सकता है। जिसका ध्यान नहीं देने से समस्या और बिगड़ सकती हैं।

स्थानीय पशुपालन विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गौशालाओं में उचित सुविधाएँ और संसाधन उपलब्ध हों। यदि विभाग ने गौशाला की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया या आवश्यक निरीक्षण नहीं किए, तो वह भी जिम्मेदार हो सकता है।

स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालाओं की स्थिति पर नजर रखे और आवश्यक सुधार के लिए कदम उठाए। यदि प्रशासन ने गौशाला की स्थिति की अनदेखी की, तो वह भी जिम्मेदार हो सकता है।

ग्राम सभा के गौशाला में तीन गायों की मृत्यु एक गंभीर समस्या है, जिसकी जिम्मेदारी की पहचान और समाधान अत्यंत आवश्यक है। गौशालाओं में पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति, आहार, और स्वच्छता की उचित देखभाल करने से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। प्रशासन, गौशाला प्रबंधन, और स्थानीय लोगो सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।