गाजीपुर के जमानियां में सावन माह के आखरी सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। जिसको लेकिन सोमवार के दिन श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का तांता लगा रहा। इस दौरान कस्बा बाजार साईं नाथ मंदिर के कार्यकर्ताओं द्वारा पूड़ी सब्जी हलवा का वितरण का चलता रहा। बलुआ घाट गंगा नदी में जल भरने के लिए कांवरियों का पूरी रात आना जाना लगा रहा। कस्बा बाजार में पूरी रात्रि बोल बम के नारों से गूंजता रहा। बताया जाता है। कि सावन माह के महीने का समापन 19 अगस्त को होने जा रहा है। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हुआ। और सावन माह का समापन श्रावण पूर्णिमा के दिन होता है। इसी दिन सावन सोमवार का पांचवां व्रत भी रखा गया। हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है। यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव का समर्पित माना गया है। श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बहुत फलदायी मानी गई है। इस बार श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के पवित्र दिन से हुई है और इस बार पूरे सावन में कुल 5 सोमवार पड़े।रविवार की शाम से आस पास के क्षेत्रो के साथ बिहार जिले से सैकड़ों शिव भक्त कावरिया जल भरने के लिए नगर कस्बा स्थित पक्का बलुआ घाट पहुंचने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इस दौरान सभी कांवरियों को पूड़ी सब्जी खिलाया गया। युवा पंडित ब्राह्मण उद्धव कुमार पांडेय ने बताया कि सावन मास का समापन 19 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर होना है। उसके बाद भाद्रपद या भादो का महीना शुरू हो जाएगा। सावन माह के आखिरी दिन सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाएगा। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हुई थी। उन्होंने बताया कि सावन के आखिरी दिन रक्षाबंधन का त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मानने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। पांडेय ने बताया कि श्रावण माह में देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर व्रत किया था। ऐसा कहा जाता है। कि यही कारण है। कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है। इस महीने में सभी शिव भक्त भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं। इस दौरान भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस दौरान सुरक्षा को लेकर गंगा नदी तथा मंदिरों के आस पास पुलिस कर्मी तैनात रहे। उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार, क्षेत्राधिकार कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि के तहत महेश्वरनाथ मंदिर सहित आस पास की मंदिरों व गंगा नदी के आस पास पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।