गाजीपुर के जमानियां नगर कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीबी उपचार की प्रक्रिया शुरू किया गया। इसकी जानकारी केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डा, रवि रंजन ने दी। उन्होंने बताया की टीवी रोकधाम के लिए जांच उपचार के माध्यम से सुरक्षित अधिक प्रभावी और त्वरित उपचार विकल्प साबित हुई है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के इस कदम से भारत में टीबी को समाप्त करने के अपने राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में देश की प्रगति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। तथा 

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत बहु-दवा प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर-टीबी) के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और कम समय के उपचार विकल्प के रूप में बीपीएएलएम पद्धति शुरू करने को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरुप, सतत विकास लक्ष्यों के तहत, बीमारी को 2025 तक यानी वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले, देश को टीबी से मुक्त करना है। उसी उद्देश्य के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीवी रोगियों को बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए एक अलग कक्ष में जांच और दवा की जा रही है। इस उपचार पद्धति में एक नई टीबी रोधी दवा प्रीटोमैनिड शामिल है, जिसे बेडाक्विलाइन और प्रीटोमैनिड को पहले ही भारत में उपयोग के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा अनुमोदित किए जाने के साथ ही लाइसेंस भी दिया जा चुका है। उन्होंने बताया की बीपी एएलएम उपचार पद्धति में चार दवाओं बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनजोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन का संयोजन है। यह उपचार पद्धति पिछली एमडीआर-टीबी उपचार प्रक्रिया की तुलना में सुरक्षित, अधिक प्रभावी और उपचार का तेज विकल्प साबित हुई है। डा, रवि रंजन ने बताया कि पारंपरिक एमडीआर-टीबी उपचार गंभीर दुष्प्रभावों के साथ 20 महीने तक चलते हैं। जबकि, बीपीएएलएम उपचार पद्धति दवा प्रतिरोधी टीबी को केवल छह महीने में ठीक कर सकती है। और उपचार की सफलता दर भी उच्च है। रंजन ने कहा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के परामर्श से टीबी के इस नए उपचार व्यवस्था का सत्यापन सुनिश्चित किया। अगर यह कहां जाए की भारत सरकार के इस कदम से टीबी को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में देश की प्रगति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। तो इसमें कोई अचरज संदेह का सवाल ही नहीं है।