गाजीपुर। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने शनिवार को तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित होने वाले महाप्रसाद में गाय और सूअर की चर्बी तथा मछली के तेल की मिलावट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए मामले में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वीएचपी के जिला अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने कहा कि पूरे देश का हिंदू समाज इस मुद्दे को लेकर आक्रोशित है और उनका क्रोध विभिन्न रूपों में प्रकट हो रहा है। उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी का पवित्र तीर्थ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड के माध्यम से संचालित होता है, और वहां की व्यवस्थाओं में अनियमितताएँ देखने को मिल रही हैं। 

उपाध्याय ने बताया कि महाप्रसाद बनाने में केवल हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं हुआ, बल्कि हिंदुओं द्वारा श्रद्धा भाव से अर्पित की गई देव राशि (चढ़ावा) का सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी कई कष्टकारी समाचार मिलते रहते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तिरुपति बालाजी और अन्य स्थानों पर की जा रही अनियमितताओं के कारण हिंदू समाज को विश्वास हो गया है कि अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए बिना उनकी पवित्रता को पुनः स्थापित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार अपने नियंत्रण में सभी हिंदू मंदिरों को अविलंब मुक्त करे और उन्हें हिंदू संतों व भक्तों को सौंपे। इस मौके पर बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद रहे। ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में विपिन श्रीवास्तव जिला मंत्री वीएचपी, ओमप्रकाश जिला सह मंत्री वीएचपी, नरेंद्र विभाग संगठन मंत्री, रवि राज हिंदू जिला संयोजक बजरंग दल ब्रिजेश जिला मिलन केन्द्र प्रमुख बजरंगदल, शिवम् चौबे जिला सह संयोजक बजरंगदल, अनुराग चौहान नगर अध्यक्ष बिहिप, उत्तम नगर संजोजक बजरंग दल, प्रदीप वर्मा जिला सह मंत्री विहिप, रामाशीष नगर उपाध्यक्ष विहिप, रामनिवास नगर सह संयोजक बजरंग दल, हेमन्त एवं विनोद सहित आदि लोग सहित कई अन्य नेता शामिल थे। यह प्रदर्शन स्पष्ट करता है कि हिंदू समाज अपनी धार्मिक आस्थाओं की रक्षा के लिए संकल्पित है और किसी भी प्रकार की धार्मिक अपमान सहन नहीं करेगा।