जीवित्पुत्रिका व्रत बेहद महत्वपूर्ण और कठिन व्रतो में से एक माना गया है
गाजीपुर के जमानियां गंगा नदी में स्नान के साथ शुरुआत हुई। जीवित्पुत्रिका व्रत नगर कस्बा स्थित सैकड़ों श्रद्धालु महिलाए पक्का बलुआ घाट गंगा नदी पहुंचकर श्रद्धा के साथ डुबकी लगाया। इस दौरान कस्बा बाजार में लगी दुकानों से रक्षा खरीदती हुई। बताया जाता है। की जीवित्पुत्रिका व्रत बेहद महत्वपूर्ण और कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। दूर दराज के ग्रामीण अंचलों से सैकड़ों जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपनी संतानों की सलामती व अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए पूरे दिन और पूरी रात निर्जला उपवास रखती हैं। इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान दुकानदार पक्का बलुआ घाट मोड़ से लेकर पालिका मोड़ तक जगह जगह फल की दुकानें लगी रही। तथा जितिया रक्षा बेचने वाले में सड़क किनारे पटरियों पर दुकान लगाए रहे। इस दिन माताएं भगवान जीमूत वाहन की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। प्रत्येक वर्ष जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस बार जितिया व्रत 25 सितंबर बुधवार के दिन रखा जाएगा। जितिया व्रत का इतिहास और महत्व बहुत पुरानी है। इस व्रत के दिन भगवान की पूजा की जाती है। इस बार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12:38 बजे पर प्रारंभ होगी और 25 सितंबर की सुबह से लेकर दोपहर 12:10 बजे समाप्त होगी। इस दौरान पालिका स्तर पर पक्का बलुआ घाट चबूतरे पर स्नान के लिए आने वाली महिलाओ के लिए टेंट की व्यवस्था कराई। तथा गहरे पानी में कोई स्नान न कर पाए इसको लेकर बैरिकेटिंग के साथ नाविको लगाया गया था। बता दें कि उदया तिथि के आधार पर इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर यानी बुधवार के दिन रखा जाएगा। पुजारी डा, शेषनाथ उपाध्याय ने बताया कि जितिया व्रत में भी छठ पूजा की तरह नहाय-खाय और खरना की परंपरा है। स्नान के लिए आई महिलाओं की भीड़ को देखते हुए। कोतवाली महिला पुरुष पक्का बलुआ घाट के आस पास के साथ पालिका मोड़ सहित बाजार में ड्यूटी पर तैनात रहे। इस दौरान उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार, क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार सिंह स्नान घाटों का भ्रमण कर सुरक्षा की जायजा ली। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अशेष नाथ सिंह ने बताया भीड़ में चोर उच्चों पर कड़ी नजर रखने के साथ सुरक्षा के दृष्टि के तहत पुलिया कर्मी चप्पे चप्पे पर तैनात किए गए हैं।