गाज़ीपुर, 27 सितंबर। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज से हस्त नक्षत्र शुरू हो गया है, जिसके साथ मूसलधार बारिश की संभावना जताई जा रही है। सेवानिवृत्त प्रोफेसर रवि प्रकाश मौर्य, जो प्रसार्ड ट्रस्ट, मल्हनी भाटपाररानी, देवरिया के निदेशक हैं, ने बताया कि मौसम विभाग ने भी वर्षा की भविष्यवाणी की है।
किसानों के लिए यह बारिश काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसलों के लिए लाभकारी मानी जाती है। वर्तमान वर्षा से फसलों पर लाभ और हानि दोनों का प्रभाव हो सकता है। विशेषकर पछैती धान, मक्का, गन्ना, ज्वार और बाजरा जैसी फसलों के लिए यह वर्षा लाभदायक होगी। हालांकि, जो अगेती धान, उर्द, मूंग और अन्य फसलें इस समय पककर तैयार हैं, उनके लिए तेज बारिश नुकसानदायक साबित हो सकती है।
सब्जियों के लिए भी स्थिति अलग-अलग होगी। कद्दू वर्गीय सब्जियाँ, भिंडी, टमाटर और मिर्च जैसी फसलों को वर्षा के कारण गलने का खतरा है। नए लगाए गए गोभी और पपीते के पौधों को भी नुकसान हो सकता है। वर्षा के कारण तापमान में कमी आई है, जो 35 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 26 डिग्री सेल्सियस हो गया है, जिससे गर्मी से राहत मिली है।
हालांकि, लगातार अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। अत्यधिक वर्षा फसलों को भी प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण किसानों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा, बारिश के बाद सड़कें और रास्ते बंद हो जाने से यातायात बाधित हो सकता है, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। एक और चिंता का विषय यह है कि अत्यधिक बारिश के कारण जलजनित बीमारियों का फैलाव हो सकता है। इसके साथ ही, पौधों पर बीमारियों और कीटों का प्रकोप बढ़ने की संभावना भी रहती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि किसान इस वर्षा का लाभ उठाने के लिए उचित तैयारी करें और संभावित हानियों से बचने के लिए सावधानी बरतें। प्रोफेसर मौर्य ने सुझाव दिया कि किसानों को अपनी फसलों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेना चाहिए। बारिश का प्रभाव क्षेत्र और परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं, इसलिए मौसम के बदलते मिजाज के अनुसार तैयार रहना जरूरी है।