गाजीपुर। पति-पत्नी के विवादों को सुलझाने के लिए एसपी ईरज राजा के निर्देश पर महिला सहायता प्रकोष्ठ और परिवार परामर्श केंद्र ने निरंतर प्रयास किए हैं। इस केंद्र का उद्देश्य दांपत्य जीवन में उत्पन्न समस्याओं का समाधान करना और विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना है। गुरूवार को महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नीतू मिश्रा ने कुल 07 प्रकरणों की सुनवाई की। इनमें से दो ऐसे मामले थे, जो काफी समय से विवादित चल रहे थे। इन मामलों में नीतू मिश्रा ने दोनों पक्षों को आमंत्रित किया और मध्यस्थता के जरिए उन्हें बैठाया। बातचीत के माध्यम से दोनों पक्षों ने अपने गिले-शिकवे भुलाते हुए राजी-खुशी से विदाई ली। यह पहल न केवल विवाद को सुलझाने में मददगार साबित हुई, बल्कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझ बढ़ाने में भी सहायक रही। इसके अलावा, 04 प्रकरणों में से एक पक्ष अनुपस्थित रहने के कारण अगली तिथि निर्धारित की गई। अनुपस्थिति के कारण सुनवाई में रुकावट आई, लेकिन महिला प्रकोष्ठ की टीम ने फिर भी मामले को गंभीरता से लिया। शेष 01 प्रकरण में, जब मध्यस्था विफल हो गई, तो विधिक कार्यवाही का सुझाव देते हुए पत्रावली को बंद कर दिया गया। इन सभी प्रक्रियाओं में महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नीतू मिश्रा के साथ महिला मुख्य आरक्षी सुनीता गिरी, महिला आरक्षी रागिनी चौबे, महिला आरक्षी संध्या, महिला आरक्षी रोली सिंह, आरक्षी शिव शंकर यादव, और महिला होमगार्ड उर्मिला गिरी सहित अन्य अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उनकी संयुक्त कोशिशों से यह सुनिश्चित हुआ कि विवादों का समाधान किया जा सके और परिवारों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जा सके। गाजीपुर में ऐसे उपायों की प्रशंसा की जा रही है, जो न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि दांपत्य जीवन में संतुलन और स्थिरता भी लाते हैं। यह प्रयास एक सकारात्मक कदम है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए भी अनुकरणीय हो सकता है। इस तरह की मध्यस्थता से समाज में आपसी समर्पण और सहानुभूति बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो परिवारों के बीच आपसी रिश्तों को मजबूत करेगा।