गाजीपुर। जनपद में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद, हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा मामला सदर विकासखंड के ग्राम पंचायत सोन्हुलिया उर्फ बकुलियापुर के आसमानीचक का है, जहां नाली निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, नाली के स्लैब का निर्माण करते समय घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह आरोप भी लगाया गया है कि नाली के स्लैब में लाल बालू की जगह सफेद बालू का उपयोग किया गया, जो न केवल गुणवत्ता में कमी लाता है, बल्कि निर्माण की स्थायित्व को भी प्रभावित करता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की अनियमितता केवल निर्माण सामग्री में ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक शौचालय के जमीनी हकीकत एवम् समग्र योजना में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है।
गांववासियों ने इस मुद्दे को उठाया, और सवाल पूछ रहे हैं कि यदि वे शिकायत नहीं करते, तो क्या यह अनियमितता उजागर हो पाती? इस मामले में कई प्रश्न हैं, जिनका उत्तर संबंधित विभाग को देना चाहिए। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्रकार की भ्रष्टाचार की घटनाएं आम हैं और यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो इससे सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
इस संदर्भ में, सदर विकासखंड के बीडीओ ने कहा है कि यदि जांच में अनियमितताएं पाई गईं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस बयान में कितनी सच्चाई है, यह देखना होगा। ग्रामीणों का भरोसा सरकारी तंत्र पर कम होता जा रहा है, और उन्हें लगता है कि प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि ऐसे अनियमितताओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो इससे न केवल सरकारी योजनाओं का बुरा हाल होगा, बल्कि आम लोगों का विश्वास भी डगमगाएगा। इसलिए, दोषियों को सख्त सजा देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।