गाजीपुर। कोतवाली सैदपुर के अंतर्गत एक अज्ञात व्यक्ति की लाश नदी में मिली। शव की पहचान न होने पर स्थानीय पुलिस ने शव को मर्चरी रूम में सुरक्षित रखा। कांस्टेबल प्रतमेस कुमार और प्रभाकर मिश्रा के सहयोग से मृतक की शिनाख्त कराने का प्रयास किया गया, लेकिन 72 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई पहचान नहीं हो सकी।

इसके बाद, समाजसेवी कुँवर वीरेन्द्र सिंह की मदद से शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाया गया, जहां आवश्यक चिकित्सा परीक्षण किए गए। पोस्टमॉर्टम के बाद, मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी की गई। इस कार्य में स्थानीय समुदाय के कई सदस्य शामिल हुए, जिनमें कृष्ण कुमार बासफोर, जमुना राजभर, भोले नाथ, गोपाल कसौधन, रविन्द्र यादव और सूरज रावत शामिल थे।

अंतिम संस्कार अति प्राचीन श्मशान घाट पर किया गया, जहां शुद्ध लकड़ी से शव को जलाकर विदाई दी गई। इस दौरान स्थानीय लोगों ने एकत्रित होकर मृतक को श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह घटना न केवल मानवता की सेवा का परिचायक है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के सामूहिक प्रयासों का भी प्रतीक है। अज्ञात व्यक्ति के अंतिम संस्कार में सहयोग देने वाले सभी लोगों की सराहना की जा रही है, जिन्होंने एक अज्ञात जीवन को सम्मानपूर्वक विदाई दी। पुलिस प्रशासन और समाजसेवियों की इस पहल से समाज में संवेदनशीलता और एकजुटता का संदेश मिलता है।