गाजीपुर। खानपुर थाना क्षेत्र में 16 अक्टूबर को बाइक सवार तीन बदमाशों ने दीपक राजभर नामक युवक का अपहरण करने का प्रयास किया। घटना शाम करीब चार बजे हुई, जब दीपक वाराणसी से गाजीपुर लौट रहा था। उसने खानपुर थाने में एक नामजद और दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ तहरीर दी है।
दीपक राजभर, जो जनपद गाजीपुर के भावरकोल थाना क्षेत्र के ग्राम अवथही का निवासी है, ने अपनी शिकायत में बताया कि सिधौना बाजार के करीब तीन बदमाशों ने उनकी मोटरसाइकिल रोकी और चाबी निकाल ली। इसके बाद, उन्होंने दीपक से 2800 रुपये नकद और उसका मोबाइल छीन लिया। बदमाशों ने दीपक को मोटरसाइकिल पर जबरदस्ती बैठाकर जान से मारने की धमकी दी और वाराणसी के रास्ते प्रयागराज ले जाने का प्रयास किया।
दीपक ने पुलिस को बताया कि बदमाशों में से एक की पहचान उसने की है। अनिल सिंह यादव नाम का यह बदमाश ग्राम मखदूमपुर, थाना कासिमाबाद का निवासी है। दीपक ने आगे कहा कि एक बदमाश ने उसे धमकाते हुए कहा, "अगर तुम शोर मचाओगे, तो तुम्हें रास्ते में ही मार देंगे।" इस धमकी के कारण वह किसी से मदद मांगने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
बदमाशों ने दीपक को लगातार धमकाते हुए कहा कि उन्होंने गाजीपुर में कई गंभीर अपराध किए हैं और अब उसकी बारी है। प्रयागराज जनपद के मेजा थाना क्षेत्र में स्थित एक शराब की दुकान पर रुकने के दौरान, दीपक ने मौके का फायदा उठाते हुए स्थानीय लोगों से मदद मांगी। स्थानीय लोगों ने उसकी मदद की और उसे बदमाशों के चंगुल से छुड़ाने में सफल रहे।
जब भीड़ इकट्ठा हो गई, तो बदमाश डरकर दीपक की मोटरसाइकिल, मोबाइल और 2800 रुपये लेकर भाग गए। दीपक ने मेजा थाना क्षेत्र के पुलिस चौकी में पहुंचकर मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने दीपक को सुबह पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
मीडिया से बातचीत में दीपक ने कहा कि 18 अक्टूबर को उसने एसपी ग्रामीण से मिलकर अपनी घटना की लिखित शिकायत की। उसी दिन, शाम के समय बदमाशों ने उसके मोबाइल से व्हाट्सएप के जरिए अश्लील और आपत्तिजनक फोटो, वीडियो भेजना शुरू कर दिया, जिससे उसके रिश्तेदार और मित्र परेशान हो गए। दीपक ने इस संबंध में खानपुर थाने में फिर से लिखित शिकायत दर्ज कराई।
खानपुर थाना अध्यक्ष प्रवीण यादव ने बताया कि पीड़ित की तहरीर मिल चुकी है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना गाजीपुर जिले में सुरक्षा की स्थिति को लेकर गंभीर प्रश्न उठाती है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि पुलिस को इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
कई स्थानीय नागरिकों ने इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई की गति और प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो शायद दीपक को इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। लोगों का मानना है कि स्थानीय पुलिस को अपराधियों पर नजर रखने और सक्रिय रूप से कार्रवाई करने की जरूरत है।
गाजीपुर में बढ़ते अपराधों के बीच प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि वह स्थानीय निवासियों के विश्वास को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाए। पुलिस विभाग को चाहिए कि वह गश्त बढ़ाए और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करे ताकि सुरक्षा की भावना को मजबूत किया जा सके।
इस घटना ने न केवल दीपक के लिए बल्कि क्षेत्र के अन्य निवासियों के लिए भी चिंता का विषय बना दिया है। नागरिकों का मानना है कि प्रशासन को इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी योजना बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह के खतरे का सामना न करे।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गाजीपुर में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को सक्रिय रूप से काम करते हुए ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। तभी जाकर स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।