गाजीपुर। दिलदारनगर में जीआरपी चौकी के अंतर्गत एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली। मृतक की पहचान न हो पाने के कारण स्थानीय पुलिस और समाजसेवियों ने उसकी पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन 72 घंटे तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

समाजसेवी कुँवर वीरेन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल अजय कुमार सिंह और हेड कांस्टेबल गोविंद सिंह ने मिलकर मृतक की लाश को मर्चरी रूम में रखवाया और उसकी पहचान के प्रयास किए। जब पहचान नहीं हो सकी, तो उन्होंने निर्णय लिया कि शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाए। इसके बाद, शव को मर्चरी रूम से पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाया गया।

पोस्टमॉर्टम के बाद, मृतक के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई। समाजसेवियों और पुलिसकर्मियों ने मिलकर अति प्राचीन श्मशान घाट पर शुद्ध लकड़ी से मृतक का दाह संस्कार किया। इस कार्य में स्थानीय लोग कृष्ण कुमार बासफोर, जमुना राजभर, भोले नाथ, गोपाल कसौधन, रविन्द्र यादव, खुर्शीद और सूरज रावत ने भी योगदान दिया।

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि समाज में मानवता की मिसाल पेश करने वाले लोग आज भी मौजूद हैं। अज्ञात व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति का यह उदाहरण हमें यह याद दिलाता है कि हर जीवन की महत्वपूर्णता होती है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो। स्थानीय प्रशासन और समाजसेवियों के प्रयासों से मृतक का अंतिम संस्कार शान से किया गया, जिससे समाज में एक सकारात्मक संदेश गया।