गाजीपुर। आज, 21 नवम्बर 2024 को आयुक्त वाराणसी मंडल सभागार में यूनिसेफ के 75 वर्ष पूरे होने और यूनिवर्सल बाल अधिकार के 35 वर्ष पूरे होने पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर आयुक्त वाराणसी, श्री राकेश कुमार गुप्ता ने की। कार्यशाला में गाजीपुर, चंदौली और जौनपुर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े, जबकि वाराणसी जनपद और मंडल के सभी मंडलीय तथा जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में लखनऊ से यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. कनुप्रिया सिंघल भी मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचालन डीपीओ आईसीडीएस वाराणसी, श्री डी.के. सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि वाराणसी मंडल बच्चों की सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सभी अधिकारी अपने कार्यों में पूरी जिम्मेदारी के साथ लगे हुए हैं। श्री सिंह ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत उत्तर प्रदेश में वाराणसी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है।

कार्यशाला में डॉ. कनुप्रिया सिंघल ने यूनिसेफ के 75 वर्षों में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा पर काम करने के लिए सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और आगे की कार्य योजना पर चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिसेफ बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और संरक्षण के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करता रहेगा और जो सुझाव कार्यशाला में आए हैं, उन्हें राज्य स्तर पर अपने कार्यक्रमों में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मंडल, डॉ. एम.पी. सिंह ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में जानें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं, ताकि उनका स्वास्थ्य और भविष्य उज्जवल हो।

कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्चों ने अपने अनुभव साझा किए। नैंसी सोनकर ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद बाल सेवा योजना से मिली सहायता से उनकी पढ़ाई जारी है और वह एक दिन टीचर बनना चाहती हैं। यश सोनकर ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु के बाद शिक्षा और फीस का खर्च उठाना मुश्किल था, लेकिन इस योजना ने उन्हें राहत दी और उनकी पढ़ाई जारी है।

कार्यशाला में किशोरियों और महिलाओं की सुरक्षा, मिशन शक्ति, लैंगिक भेदभाव और रंग भेद के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। गाजीपुर से एसपी सिटी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बच्चों से संबंधित अपने विचार साझा किए और यूनिसेफ की तारीफ की। उन्होंने समन्वय बनाए रखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आगे भी काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

अपर आयुक्त महोदय ने बच्चों की सराहना की और अधिकारियों से बच्चों के प्रति निष्ठावान होकर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने पर भी जोर दिया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक राजेश यादव, डीसी एनआरएलएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, युवा कल्याण अधिकारी, और यूनिसेफ गाजीपुर के जिला प्रतिनिधि बलवंत सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।