मरदह। आस्थावान भक्तों ने सोमवार को नंगे पैर पांच किलोमीटर लंबी दूरी तक कलश शोभायात्रा निकाली। इस दौरान वातावरण भक्तिमय हो गया, और हर दिशा से जय जयकार की आवाजें गूंज उठीं। महिलाएं, युवतियां, और पुरुष बाजे-गाजे के साथ कलश लेकर यात्रा में शामिल हुए। यह दृश्य अत्यंत भव्य था और ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। जहां-जहां से यह यात्रा निकली, वहां के लोग भक्तिभाव से जयकारे करने लगे, जिससे समग्र वातावरण देवमय हो गया।

इस शोभायात्रा के बाद समीपवर्ती जागोपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। पहले दिन यज्ञ मंडप की स्थापना की गई और जल लेकर कलश यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा नगर बस्ती, गांव और बाजार के छोटे-बड़े मंदिरों से होते हुए पुनः यज्ञ मंडप तक पहुंची।

यज्ञ मंडप में मध्यप्रदेश के बैतूल से पहुंचे प्रवचनकर्ता पंडित सुभाषनंद शास्त्री जी महाराज ने भूमि पूजन कर कथा की शुरुआत की। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि विश्व में सभी कथाओं में श्रीमद् भागवत कथा सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। यह कथा सुनने और आयोजन कराने का सौभाग्य प्रभु प्रेमियों को ही प्राप्त होता है। पंडित जी ने आगे बताया कि इस कथा के श्रवण से व्यक्ति के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मुक्ति की प्राप्ति होती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है और यह जीवन को सुधारने का एक अहम साधन है। अगर कोई सात दिन तक कथा नहीं सुन सकता तो वह कुछ दिन ही कथा सुनकर भी पुण्य लाभ प्राप्त कर सकता है। कथा में भगवान श्री कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों के बारे में बताया गया है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध तक की घटनाएं शामिल हैं।

आगे पंडित जी ने यह भी कहा कि श्रीमद् भागवत कथा से जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट होते हैं और व्यक्ति का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। कलयुग में भागवत कथा का अत्यधिक महत्व है।

श्रीमद् भागवत कथा का प्रवचन 26 नवम्बर से 30 नवम्बर तक दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। 1 दिसम्बर को हवन पूजन और भण्डारे का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सभी भक्त सहपरिवार उपस्थित होकर पुण्य के भागीदार बन सकते हैं।

इस धार्मिक आयोजन में रामवृक्ष यादव, रामकिशुन यादव, राधेश्याम यादव, रामानंद यादव, गोरख यादव, जयराम यादव, त्रिलोकी यादव, स्वामीनाथ, हरिनाथ, रमेश, राजेश, संतोष, संदीप, सोनू, राहुल, वकील यादव, रामनारायण, रामगोपाल, विशाल, गोलू, अनमोल, दीपक, शेरू, चिन्टु, खुशमन, सक्षम, अनिल, सुनील, प्रदीप यादव सहित अन्य भक्त उपस्थित रहे।