गाजीपुर। जिले के विकास खंड मरदह स्थित ग्राम पंचायत हरहरी में "गांव की समस्या, गांव में समाधान" कार्यक्रम के तहत ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया। इस ग्राम चौपाल में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का जायजा लिया गया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी गईं, लेकिन कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी की गई और कई योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो सका।
ग्राम चौपाल का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रज्ज्वलित करके और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। कस्तूरबा गांधी मरदह की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई, जो आयोजन में एक सकारात्मक पहलू था। हालांकि, कार्यक्रम के बाकी हिस्से में ग्रामवासियों के मुद्दों को ठीक से संबोधित नहीं किया गया।
ग्राम चौपाल में जिलाधिकारी ने व्यक्तिगत शौचालय, आवास, हैंडपंप की स्थिति, वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, विधवा पेंशन, राशन वितरण और राजस्व विभाग से संबंधित मामलों पर चर्चा की। हालांकि, इन योजनाओं के क्रियान्वयन में कई कमियां सामने आईं। ज़िलाधिकारी ने पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ देने और शिकायतों के निस्तारण का निर्देश दिया, लेकिन इन निर्देशों के बाद भी योजना के लाभार्थियों तक सही तरीके से लाभ पहुंचाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
जिलाधिकारी ने बच्चों के टीकाकरण, ई-कवच पोर्टल पर फीडिंग और दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। लेकिन, दवाओं की उपलब्धता की स्थिति पर कोई सुधार होगा या नहीं। इसके साथ ही कोटेदारों से फूड सेफ्टी से संबंधित नियमों का पालन करने की बात की गई, लेकिन यह बात भी केवल औपचारिकता तक ही सीमित रही।
ग्राम चौपाल के दौरान मुख्य मार्ग से ग्राम हरहरी को जाने वाली सड़क को सुधारने का निर्देश ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दिया गया, लेकिन सड़क की स्थिति में सुधार क्यों जरूरी हैं? ग्रामीणों की समस्याओं को सुना गया, लेकिन अधिकांश समस्याएं हल होने की बजाय टाल दी गईं? निराश्रित, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन के पात्रों का चयन और पेंशन का वितरण भी अधूरा रहा, और इसे जल्द लागू करने के बजाय केवल आश्वासन दिया गया?
चौपाल के दौरान प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता और स्तर पर भी सवाल उठाए गए, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही हैंडपंप की रिबोरिंग और मनरेगा कार्यों के बारे में भी सत्यापन किया गया, लेकिन इन योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए कोई निर्णायक कदम नहीं उठाए गए। बाल विकास कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण और पुष्टाहार वितरण की स्थिति भी संतोषजनक नहीं थी, और कोटेदार द्वारा समय से राशन वितरण की स्थिति भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
चौपाल के अंत में जिलाधिकारी ने कम्पोजिट विद्यालय हरहरी में कायाकल्प योजना के तहत किए गए कार्यों का निरीक्षण किया, लेकिन इसमें सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कायाकल्प योजना के कार्यों में भी ढील और लापरवाही का प्रदर्शन रहा।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य और अन्य अधिकारियों ने ग्रामों में संचालित योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को अवगत कराया, लेकिन अधिकारियों ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन करने की बजाय केवल बातें कीं। इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान प्रेमलता सिंह और अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति रही, लेकिन पूरे कार्यक्रम का परिणाम यह रहा कि ग्रामवासियों को योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल सका और कब मिलेगा, अधिकांश समस्याएं यथास्थिति बनी रहीं।