गाजीपुर। मां काली के आशीर्वाद से गाजीपुर में आज एक भव्य और भक्ति से ओत-प्रोत शोभा यात्रा का आयोजन हो रहा। यह यात्रा कलेक्टर घाट से सुबह 11 बजे प्रारंभ हुई और इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हुए। यात्रा में हाथी, घोड़े और बग्घी सहित पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज और जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
मां काली के शक्तिपीठ की महिमा का प्रचार-प्रसार और लोगों में धार्मिक आस्था को जागृत करना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि गाजीपुर जिले की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करती है। और श्रद्धालु इसमें भाग लेने के लिए दूर-दूर से आए।
सुबह ठीक 11 बजे कलेक्टर घाट से शोभा यात्रा की शुरुआत हुई। यात्रा में सजे-धजे हाथी और घोड़े प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने। हाथी पर सवार कुछ प्रमुख धार्मिक व्यक्तियों ने यात्रा की अगुवाई की, जबकि पीछे चल रही बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याएं और महिला श्रद्धालु विशेष रूप से साड़ी पहनकर और सिर पर कलश लेकर यात्रा में शामिल हो रही थीं। महिलाएं अपने हाथों में दीपक और कलश लिए हुए थीं, जो पूरे रास्ते में श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बने।
संग-साथ बग्घी और ड्रम, नगाड़े की ध्वनियों के साथ श्रद्धालु नारे लगाते हुए यात्रा में चल रहे थे। "जय मां काली" जैसे उद्घोषणाओं से यात्रा का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया।
कई जगहों पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और मां काली से क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की। यात्रा के मार्ग में स्थापित विभिन्न पूजा पंडालों पर श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे थे।
मां काली के दरबार में अर्पित की जाने वाली पूजा सामग्री जैसे फूल, फल और मिठाईयां भी यात्रा के दौरान एकत्रित की जाती रहीं। इस दौरान महिलाएं विशेष रूप से पूजा सामग्री लेकर यात्रा में भाग ले रही थीं और हर कदम पर मां काली से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रही थीं।
यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह और श्रद्धा देखते ही बनती थी। हर उम्र के लोग, चाहे वह छोटे बच्चे हों या बुजुर्ग, सभी ने इस यात्रा को अपनी आस्था के साथ पूरा करने मे लगे रहे। विशेष रूप से महिलाएं जो पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी थीं, उन्होंने यात्रा के प्रत्येक चरण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाएं न केवल इस यात्रा का हिस्सा बनीं, बल्कि वे समाज में महिला सशक्तिकरण का संदेश भी दे रही थीं।
यात्रा में सम्मिलित हुए श्रद्धालुओं का कहना था कि मां काली के आशीर्वाद से उनके जीवन में समृद्धि आएगी और वे हर संकट से उबर पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह यात्रा उनके लिए एक धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है।
यात्रा के मार्ग की व्यवस्था पूरी तरह से प्रशासन द्वारा की गई थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। खबर किए जाने तक मार्ग के दोनों ओर जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जो यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे है।