गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल के निर्देश पर गाजीपुर जनपद में तैनात जिला आबकारी अधिकारी (डीईओ) देवेन्द्र कुमार जैन को उनकी कार्यों में लापरवाही और गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है।
आबकारी मंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 और 2023 में दो अलग-अलग व्यक्तियों ने बार लाइसेंस और अनुज्ञापन स्वीकृत करने के लिए आवेदन किया था। गाजीपुर जिले के चन्दन कुशवाहा ने वर्ष 2022 में और अभय प्रताप सिंह ने मई 2023 में बार अनुज्ञापन के लिए आवेदन किया था, लेकिन दोनों आवेदकों के आवेदन को देवेन्द्र कुमार जैन ने अत्यधिक विलम्ब से आबकारी आयुक्त को प्रेषित किया।
मंत्री ने कहा कि देवेन्द्र कुमार जैन की शासकीय कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति घोर उदासीनता सामने आई है, जिससे आवेदकों को अनुज्ञापन स्वीकृति में काफी परेशानी हुई। उनका यह लापरवाहीपूर्ण व्यवहार सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार का कारण बना, जिसके कारण इस गंभीर मामले में उन्हें निलंबित किया गया।
निलंबन के साथ ही देवेन्द्र कुमार जैन के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। मंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि गहन जांच कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, ताकि इस मामले में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति के तहत आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस तरह के कृत्य पाए जाते हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर नीति को और मजबूत करेगा और प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।