गाज़ीपुर में यातायात माह का शुभारंभ हुआ है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। हालांकि, इस माह का आरंभ होते ही जो समस्याएं पिछले वर्षों से बनी हुई हैं, वे जस की तस बनी हुई हैं। यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि जागरूकता के प्रयासों के बावजूद, सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन निरंतर जारी है।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा आयोजित यातायात जागरूकता रैली का उद्देश्य लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है। रैली के दौरान हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और गति सीमा का पालन करने की अपील की गई। फिर भी, गाज़ीपुर की सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। यह सवाल उठता है कि क्या मात्र जागरूकता अभियान समस्याओं का समाधान कर सकता है?
वास्तव में, सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण लोगों का यातायात नियमों के प्रति लापरवाह होना है। जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद, बहुत से सरकारी कर्मचारी लोग इन नियमों का पालन नहीं करते। इसका मुख्य कारण है, नियमों को जानते हुए भी अनुशासन हीनता और दबंगई करना है। जबकि प्रशासन का कहना है कि यातायात नियमों की जानकारी न होना बड़ा कारण है। लेकिन क्या यह पर्याप्त है कि केवल जानकारी दी जाए, जबकि वास्तविकता यह है कि आमजन और जानकर भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं?
सड़क पर यातायात का बढ़ता दबाव और बुनियादी ढांचे की कमी भी इस समस्या को और गंभीर बनाता है। गाज़ीपुर में यातायात की स्थिति बेहद कठिन होती जा रही है। शहर की मुख्य सड़कों पर गाड़ी चलाना एक चुनौती बन गया है, क्योंकि सड़कों पर मुख्य मार्केट में अव्यवस्थित पार्किंग और सड़क पर चलने वाले pedestrians की अनदेखी आम बात है। ऐसी स्थिति में केवल जागरूकता अभियान चलाना काफी नहीं है; ठोस उपायों की आवश्यकता है।
यातायात नियमों के पालन के लिए कड़े कानूनों का कार्यान्वयन भी जरूरी है। यदि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो जागरूकता अभियानों का कोई लाभ नहीं होगा। प्रशासन को चाहिए कि वे नागरिकों के बीच न केवल जागरूकता बढ़ाएं, बल्कि नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
इसके अलावा, पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वे नियमित रूप से यातायात की स्थिति की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठाएं। सड़क पर अनुशासन बनाए रखना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। एक सुरक्षित गाज़ीपुर के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
देखा जाय तो, गाज़ीपुर में यातायात माह का शुभारंभ एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसके वास्तविक प्रभाव को देखने के लिए गंभीर प्रयासों और सख्त कानूनों की आवश्यकता है। यदि समस्याएं जस की तस बनी रहीं, तो इन अभियानों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी की है, और इसे केवल बातों से नहीं, बल्कि कार्यों से सिद्ध करना होगा।