गाजीपुर, 10 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर स्थित मोहम्मदाबाद तहसील के ग्राम मुर्की खुर्द में स्थित शम्स मॉडल स्कूल के परिसर में आज विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन बे-नज़ीर अन्सार एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, भोपाल द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी वजीर अंसारी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए उर्दू भाषा की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में संस्कृत से उत्पन्न हुई दो बहनें, उर्दू और हिंदी, दुनिया भर में अपनी मिठास के कारण इज्जत प्राप्त करती हैं। अंसारी ने यह भी कहा कि कुछ लोग कुर्सी के लालच में समाज में भ्रामक धारणाएं फैलाने का प्रयास करते हैं, जबकि उर्दू भाषा किसी धर्म की नहीं, बल्कि भौगोलिक क्षेत्र की भाषा है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, कश्मीर में रहने वाले मुसलमान उर्दू नहीं बोलते, बल्कि वे बांग्ला, ओड़िआ, तमिल, कन्नड़, पंजाबी और कश्मीरी बोलते हैं। उनका मानना था कि उर्दू की मिठास के कारण यह भाषा सभी धर्मों के लोग बोलते हैं और यह भारत की साझी धरोहर है।

पूर्व डीजीपी ने उर्दू के विकास के लिए सभी समुदायों से मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

कार्यक्रम में शम्स मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल अकबर अंसारी और उर्दू प्रवक्ता डॉ. जफर असलम ने भारत की आजादी में उर्दू के योगदान को उजागर करते हुए बताया कि उर्दू के कवियों, कहानीकारों और उपन्यासकारों ने कैसे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम में उर्दू के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए इरशाद जनाब खलीली, अहकम गाज़ीपुर, आकिब सलेमपुरी ने उर्दू पर आधारित कविताओं का पाठ किया, जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत कार्यक्रम में हरेल यादव (एसआई), हवलदार जयराम निषाद, महिमा प्रजापति, विनोद कुमार, निखहत परवीन, मनीष कुमार, प्रियांशु यादव, संध्या खरवार, संजू पासवान, और अदनान रजा भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन नाजिम रजा ने किया, और अंत में धन्यवाद ज्ञापन सारा जावेद ने किया।

यह कार्यक्रम उर्दू भाषा के महत्व को समाज में फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।