गाजीपुर। जिले के बरही क्षेत्र के समाजसेवी राजकुमार मौर्य ने बिजली विभाग के खिलाफ कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि बिजली विभाग ने उनके मामले को जानबूझकर लटकाए रखा है और अधिकारियों ने पूरी तरह से लापरवाही दिखाई है। राजकुमार मौर्य का कहना है कि विभाग ने उनकी शिकायतों को अनदेखा किया और मामले की उचित जांच के बजाय उन्हें फर्जी तरीके से दोषी ठहराने की कोशिश की।

राजकुमार मौर्य ने कहा कि दो साल से अधिक समय से उनका मामला लंबित है, लेकिन बिजली विभाग ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला। उन्होंने इस संदर्भ में कई बार अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर अपनी शिकायतों के बारे में सूचित किया, लेकिन न तो उनका पत्र का जवाब दिया गया और न ही उनकी शिकायत पर कार्रवाई की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अपने लापरवाह कर्मचारियों को बचाने की कोशिश की और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया।

समाजसेवी ने यह भी बताया कि बिजली विभाग की इस लापरवाही के कारण उनकी सामाजिक छवि पर प्रतिकूल असर पड़ा है। उनका कहना था कि चोरी के मुकदमे ने उन्हें मानसिक और सामाजिक परेशानी में डाल दिया, और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से बिजली विभाग की है।

राजकुमार मौर्य के मुताबिक, उनका एक 1kW का विद्युत कनेक्शन है, जिसकी कनेक्शन संख्या 741906702851 है। मीटर खराब होने पर उन्होंने 26 जुलाई 2021 को विभागीय पोर्टल पर इसकी शिकायत की थी, जिसका शिकायत संख्या PU2607211059 था। इसके बाद 25 अगस्त 2021 को विभाग ने उन्हें संदेश भेजा था कि समस्या का समाधान कर दिया गया है, लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे तो पाया कि कोई समाधान नहीं हुआ था। इसके बाद मीटर रीडर ने 1500 रुपये लेकर नया मीटर लगाया, लेकिन वह भी अपडेट नहीं हो पाया।

राजकुमार मौर्य ने बताया कि उन्होंने कई बार JE को फोन कर समस्या के बारे में बताया, लेकिन 9 महीने बाद, 11 मई 2022 को JE नीरज कुमार ने जांच के बाद उन्हें बिजली चोरी का आरोपी बना दिया और 85,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया। पहली बार बिल 28 मई 2022 को जारी किया गया था, लगे हुए मीटर से लगभग 33391 रूपये का बिजली बिल का भुगतान 7 जून 2022 को किया, बताया गया।

राजकुमार मौर्य ने यह भी खुलासा किया कि JE नीरज कुमार सोनी से पहले गोविन्दपुर में जर्जर पोलों के बारे में बहस हो चुकी थी, और उसी दौरान नीरज कुमार ने उन्हें धमकी दी थी कि इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। मौर्य ने इस पूरे मामले में अपनी बेगुनाही की बात दोहराते हुए कहा कि वह इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

राजकुमार मौर्य का कहना है कि उनका मकसद केवल न्याय प्राप्त करना है और वे चाहते हैं कि बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसे मामलों में आने वाले समय में सुधार हो और आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े।