मंझनपुर कला (जखनिया), 30 नवम्बर: स्थानीय विकासखंड के मंझनपुर कला गांव में पिछले तीन-चार दिनों से चकरोड का कार्य जेसीबी मशीन द्वारा कराया जा रहा है। यह कार्य प्रदीप के खेत से धीरे जोत सरहद तक मिट्टी डालने का है, जिसका आईडी जेनरेट हो चुका है और 128304 का अग्रिम भुगतान भी किया जा चुका है।

गांव के हरेंद्र कुमार ने लोकपाल महोदय सहित समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर इस कार्य की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि मस्ट रोल में जो श्रमिकों के नाम दर्ज हैं, वे फर्जी हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा एक्ट के अनुसार किसी भी कार्य में मशीनरी यंत्र का उपयोग अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन इस गांव में चकरोड का कार्य मशीनों से किया जा रहा है और इस पर भुगतान भी हो रहा है, जबकि शासन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं।

गांव में विकास कार्यों के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन 4 अगस्त 2023 को किया गया था, जिसमें अमित सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार यह कार्य संघ परिवार द्वारा किया जा रहा है। सचिव अजीत कुमार यादव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस चकरोड कार्य को 4 नवंबर 2023 को ही पूर्ण दिखा दिया गया था और अब गांव में कोई भी कार्य नहीं चल रहा है।

अब सवाल यह उठता है कि यदि यह चकरोड कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, तो इसे दोबारा क्यों किया जा रहा है? इस बारे में अध्यक्ष के प्रतिनिधि से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चकरोड का कार्य तो पहले हो चुका था, लेकिन अब गांव वाले खुद ही मिट्टी डाल रहे हैं, तो इसमें कोई रोक नहीं सकता।

गांव के विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी और फर्जीवाड़े के आरोपों के बीच यह मामला गहरा होता जा रहा है, और जांच की मांग अब जोर पकड़ रही है।